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SC ने UAPA मामले में न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को किया रिहा, गिरफ्तारी पर कही ये बात
NewsClick UAPA Case: अधिवक्ता अर्शदीप खुराना ने कहा कि शीर्ष अदालत ने प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड की कार्यवाही को अवैध माना है।
NewsClick UAPA Case: विदेश से धन प्राप्त मामले की जांच का सामना कर रहे और जेल में बंद समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक के संस्थापक और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को बड़ी राहत मिली है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही, कोर्ट ने यूएपीए मामले प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड अवैध माना। बता दें कि समाचार पोर्टल ने एफसीआरए मामले का उल्लंघन करके विदेशी धन प्राप्त किया।
ट्रायल कोर्ट ने जमानत बांड प्रस्तुत का निर्देश
अधिवक्ता अर्शदीप खुराना ने कहा कि शीर्ष अदालत ने प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड की कार्यवाही को अवैध माना है। रिहाई का निर्देश दिया है। कोर्ट ने हमें ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत बांड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उन्होंने आगे कहा कि यह एक बड़ी और बड़ी राहत है, क्योंकि हम शुरू से ही कहते रहे हैं कि उनके खिलाफ पूरी कार्यवाही अवैध थी और गिरफ्तारी का तरीका भी अवैध था, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है।
पिछले साल सीबीआई ने दर्ज किया था केस
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम के उल्लंघन के लिए पिछले साल 11 अक्टूबर, 2023 को न्यूज़क्लिक के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के एक सक्रिय सदस्य, नेविल रॉय सिंघम पर धोखाधड़ी से धन डालने का आरोप लगाया। पुलिस ने कहा था कि एफआईआर में नामित संदिग्धों और डेटा विश्लेषण के बाद सामने आए लोगों पर पिछले साल 3 अक्टूबर को दिल्ली में 88 स्थानों और अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापे मारे गए थे। हालांकि पोर्टल की ओर से इन आरोपों का खंडन किया।
10 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में
10 अक्टूबर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दिल्ली कोर्ट ने 6 मई को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के लिए चीनी कंपनियों के माध्यम से विदेशी धन प्राप्त करने के आरोप में यूएपीए मामले में न्यूज़क्लिक मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को जमानत दे दी थी।
इस साल जनवरी में ट्रायल कोर्ट ने चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी और उन्हें माफी दे दी थी। उन्होंने दावा किया था कि उनके पास मामले के बारे में "महत्वपूर्ण जानकारी" है, जिसका वह दिल्ली पुलिस को खुलासा करना चाहते हैं।
पुरकायस्थ पर लगे थे ये आरोप
वहीं, इस मामले में न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले साल 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। एफआईआर में पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए एक समूह - पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। हालांकि अब उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है।