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कोर्ट ने कहा : मजीठिया बोर्ड की सिफारिशें पूरी तरह लागू करनी होगी

Rishi
Published on: 19 Jun 2017 8:30 PM IST
कोर्ट ने कहा : मजीठिया बोर्ड की सिफारिशें पूरी तरह लागू करनी होगी
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नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया कि समाचार पत्रों के कर्मचारियों के लिए वेतन पर मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को 'पूरी तरह लागू' करना होगा और प्रबंधन भुगतान से बचने के लिए फंड की कमी का हवाला नहीं दे सकता। न्यायालय ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि जहां तक मजीठिया बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने का सवाल है, तो पूर्णकालिक तथा ठेके के कर्मचारियों में कोई अंतर नहीं है।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने तीन मई को इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किं ग जर्नलिस्ट सहित समाचार पत्र कर्मचारी संघों की अवमानना याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

न्यायालय ने सोमवार को कहा कि समाचार पत्रों ने अदालत के पहले के आदेशों की अवमानना 'जानबूझकर' नहीं की।

इससे पहले, कई समाचार पत्रों के वकीलों ने दलील दी कि वेतन बोर्ड की सिफारिशें उनके भुगतान करने की क्षमता से बाहर होंगी। प्रिंट मीडिया कंपनियों ने कहा कि भुगतान के लिए मजबूर किए जाने से 'समाचार पत्रों की वित्तीय व्यवस्था चरमरा जाएगी।'

समाचार पत्र संघों ने हालांकि दलील दी कि समाचार पत्र भुगतान करने में सक्षम हैं, लेकिन वे ऐसा करने से बच रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने साल 2007 में मजीठिया वेतन बोर्ड का गठन किया था, जिसके चार साल बाद उसकी सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। इस संबंध में राजपत्र अधिसूचना 11 नवंबर, 2011 को जारी की गई थी।

फरवरी 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने सिफारिशों को बरकरार रखा और समाचार पत्र कंपनियों को सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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