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SC-ST Reservation Case: मायावती सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं, बोलीं-हम आरक्षण में किसी तरह के वर्गीकरण के खिलाफ
SC-ST Reservation Case: कहा-एससी-एसटी आरक्षण सामान्य वर्ग को जा सकता है, केंद्र,राज्य सरकारों में मतभेद की स्थिति बनेगी। एससी ने 2004 के अपने फैसले को पलट दिया है, सरकारें मनचाही जातियों को आरक्षण देने का काम करेंगी, इससे असंतोष की भावना उत्पन्न होगी।
SC-ST Reservation Case: एससी-एसटी आरक्षण मामले पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण का मतलब आरक्षण को समाप्त करके उसे सामान्य वर्ग को देने जैसा होगा। मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है और हम आरक्षण में किसी तरह के वर्गीकरण के खिलाफ हैं। एससी-एसटी आरक्षण सामान्य वर्ग को जा सकता है, केंद्र,राज्य सरकारों में मतभेद की स्थिति बनेगी। एससी ने 2004 के अपने फैसले को पलट दिया है, सरकारें मनचाही जातियों को आरक्षण देने का काम करेंगी, इससे असंतोष की भावना उत्पन्न होगी।
नई सूची बनाने से कई तरह की परेशानियां सामने आएंगी
बसपा सुप्रीमों मायावती ने रविवार को लखनऊ में प्रेस वार्ता की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अनुसूचित जातियों को उपजातियों में विभाजित करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए एससी जाति में उपजाति विभाजन करने के फैसले से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि आरक्षण पर नई सूची बनाने से कई तरह की परेशानियां सामने आएंगी।
उपजाति का विभाजन करना सही फैसला नहीं होगा
उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य के मामले में 20 साल पहले के फैसले पर सुनवाई सही नहीं। साथ ही साथ एससी-एसटी के बीच उपजाति का विभाजन करना सही फैसला नहीं होगा। बहनजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहीं न कहीं आरक्षण को खत्म करने के प्लान जैसा है। उन्होंने क्रीमीलेयर के मानक पर भी सवाल उठाए।
आरक्षण में बदलाव की कोशिशें न हों
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भविष्य में आरक्षण में किसी भी तरह के बदलाव की कोशिशें न हों। संविधान के नौवीं अनुसूची में इसे शामिल किया जाए। मायावती ने अनूसूचित जातियों को आगाह करते हुए कहा कि आपातकालीन की स्थिति को समझते हुए एससी-एसटी वर्ग को एकजुट होने की जरूरत है। यदि वह बंटे रहेंगे तो विरोधी उनका फायदा उठाएंगे।