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अच्छी जिन्दगी की तलाश - 2022 में लाखों भारतीय चले गए अमीर देशों में

Indians Migrated : एक अच्छी, संतुष्ट और सुकून भरी जिन्दगी की तलाश में लाखों भारतीय अन्य देशों, खासकर अमीर देशों का रुख कर रहे हैं और ये ट्रेंड लगातार तेजी पकड़ता जा रहा है।

Neel Mani Lal
Published on: 18 Nov 2024 4:43 PM IST
अच्छी जिन्दगी की तलाश - 2022 में लाखों भारतीय चले गए अमीर देशों में
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Indians Migrated : एक अच्छी, संतुष्ट और सुकून भरी जिन्दगी की तलाश में लाखों भारतीय अन्य देशों, खासकर अमीर देशों का रुख कर रहे हैं और ये ट्रेंड लगातार तेजी पकड़ता जा रहा है। हालात ये हैं कि 2022 में 5 लाख 60 हजार की रिकार्ड संख्या में भारतीय लोग अमीर देशों में चले गए। इनमें में सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका रहा है।

30 फीसदी की बढ़ोतरी

यहाँ बात सिर्फ ओईसीडी देशों की हो रही जो 38 अमीर देशों का संगठन है। वर्ष 2022 में रिकॉर्ड 5.60,000 भारतीयों ने OECD (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) देशों में प्रवास किया, ये संख्या 2021 की तुलना में 30 फीसदी से भी ज्यादा है। 2022 में भारत छोड़ कर जितने लोग पलायन कर गए उन सभी में 8 फीसदी पलायन ओईसीडी देशों को हुआ है। ये जानकारी 2024 ओईसीडी इमिग्रेशन रिपोर्ट से पता चली है।

क्या हैं ओईसीडी देश?

ओईसीडी के अधिकांश सदस्य आम तौर पर विकसित देश माने जाते हैं, जिनकी अर्थव्यवस्थाएँ उच्च आय वाली हैं और मानव विकास सूचकांक (human development index) बहुत ऊँचा है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के 38 सदस्य देश हैं – ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, स्विटज़रलैंड और यूनाइटेड किंगडम। इनके अलावा बाद में इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, जापान, इटली, हंगरी, पोलैंड, कोरिया, चेक गणराज्य, मैक्सिको, और अन्य देश शामिल हो गए। ओईसीडी देशों के पास ग्लोबल जीडीपी का 42 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है। ये देश आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) से संबंधित हैं, जो एक अंतरराष्ट्रीय ग्रुप है जो बेहतर आर्थिक नीतियों को बढ़ावा देने, जीवन स्तर में सुधार करने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करता है। ये देश व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर सहयोग करते हैं, अपने समाजों को बेहतर बनाने के लिए विचारों और समाधानों को साझा करते हैं।

पलायन और प्रवास

2022 में ओईसीडी के नए इमिग्रेंट्स में भारत ने टॉप स्रोत के रूप में अपनी बढ़त बनाए रखी है, जिसके बाद चीन 3.2 लाख के साथ दूसरे स्थान पर रहा। ओईसीडी (OECD) देशों में आने वाले सभी नए प्रवासियों (immigrants) में भारतीयों की हिस्सेदारी 6.4% थी, जबकि चीन का योगदान 3.8 प्रतिशत था।

2022 में 1,12,000 भारतीय ब्रिटेन चले गए

यूनाइटेड किंगडम में 2022 में भारतीय इमिग्रेंट्स की संख्या में नाटकीय वृद्धि हुई। यूके में भारतीयों के आगमन की संख्या 2021 की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई। 2022 में कुल 1,12,000 भारतीय यू.के. चले गए, जो 2021 में दर्ज की गई संख्या से लगभग दोगुना है। इस उछाल का श्रेय यूके में कुशल श्रमिकों की बढ़ती मांग के साथ-साथ इमिग्रेशन नीतियों को दिया जाता है, जिससे श्रमिकों के लिए वीजा के लिए आवेदन करना आसान हो गया है। माइग्रेशन का पैटर्न देखने पर पता चलता है कि यूके में 47,000 भारतीय प्रवासी श्रमिक वीजा पर देश में प्रवेश कर गए जबकि इन श्रमिकों के 55,000 परिवार के सदस्य आश्रितों के रूप में उनके साथ शामिल हुए। यानी कई भारतीय प्रोफेशनल्स अपने परिवारों को भी साथ लेते गए।

सवा लाख भारतीय अमेरिका गए

अमेरिका में भी वैध रूप से आने वाले भारतीयों की जबर्दस्त आमद रही और 2022 में 1,25,000 भारतीय अमेरिका चले गए, ये संख्या 2021 की तुलना में 35 फीसदी की वृद्धि दिखाती है। जो लोग अमेरिका पहुंचे उनमें से अधिकांश रोजगार-आधारित इमिग्रेशन चैनलों के जरिये आए। इन चैनलों में एच-1बी वीजा (H1 B visa) कार्यक्रम भी शामिल है। ये वीसा भारत से कुशल श्रमिकों के लिए एक लोकप्रिय मार्ग बना हुआ है।

अमेरिका में 43,000 भारतीय नागरिकों ने प्राथमिक आवेदकों के रूप में रोजगार के जरिये से वैध स्थायी निवास प्राप्त किया, जबकि अन्य 51,000 को मुख्य आवेदकों के आश्रितों के रूप में निवास प्रदान किया गया।

कनाडा में गिरावट

यूके और अमेरिका में उल्लेखनीय वृद्धि के विपरीत, कनाडा ने 2022 में भारतीय प्रवासियों की संख्या में मामूली 8 फीसदी की कमी दर्ज की। इसके बावजूद, 1,18,000 भारतीयों ने कनाडा जाने का विकल्प चुना, जिससे यह स्थायी निवास चाहने वाले भारतीय श्रमिकों के लिए टॉप गंतव्यों में से एक बन गया।

ओईसीडी देशों की नागरिकता

2022 में 1 लाख 90 हजार से अधिक भारतीय ओईसीडी (OECD) देशों के नागरिक बन गए, जो 2021 की तुलना में 40 फीसदी की वृद्धि है। इस संख्या के चलते भारत इन देशों में नए नागरिकों के लिए शीर्ष देश बन गया है। यह वृद्धि मुख्य रूप से कनाडाई नागरिकता प्राप्त करने वाले भारतीयों की संख्या में तीन गुना वृद्धि के कारण हुई, जो 60,000 तक पहुँच गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि - 2023 में यह संख्या कनाडा में देखी गई वृद्धि (79, 000) के परिणामस्वरूप पार हो जाएगी। 2022 में सीरिया दूसरे स्थान पर रहा, जहाँ के 1,34 000 लोग नए ओईसीडी नागरिक बने (2021 की तुलना में 28 फीसदी की वृद्धि), इसके बाद मोरक्को का स्थान रहा, जहाँ के 1,21 000 नागरिक ओईसीडी देश के नागरिक बने (32 फीसदी की वृद्धि)। उनमें से अधिकांश लोग स्पेन (55 000), इटली (31 000) और फ़्रांस (19 000) के नागरिक बन गए।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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