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किल्फी: जानलेवा रोमांच, भारत में होती हैं विश्व की सबसे ज्यादा सेल्फी मौतें

रिसर्च पेपर का शीर्षक है- "मी, माईसेल्फ ऐंड माई किल्फी: कैरेक्टराइजिंग ऐंड प्रेवेंटिंग सेल्फी डेथ्स।" शोधकर्ता भारत में सेल्फी के दौरान होने वाली मौतों को लेकर हैरान हैं और इसे रोकने के उपायों को लेकर चिंतित हैं। तेज रफ्तार ट्रेन, खतरनाक झरनों, नदियों की धाराओं पर रोमांचक सेल्फी के दौरान लोग मौत की चपेट में आ जाते हैं।

zafar
Published on: 17 Nov 2016 8:33 AM GMT
किल्फी: जानलेवा रोमांच, भारत में होती हैं विश्व की सबसे ज्यादा सेल्फी मौतें
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नई दिल्ली: भारत में सेल्फी के चक्कर में जितनी मौतें होती हैं, उतनी पूरी दुनिया में कुल मिलाकर भी नहीं होतीं। ये तथ्य दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन और कार्नेज मेलन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अध्ययन में सामने आए हैं। ये अध्ययन पिछले दो सालों में हुई मौतों पर आधारित है।

चौंकाने वाले आंकड़े

-हाल में प्रकाशित शोध के अनुसार सेल्फी से होने वाली मौतों के मामले में भारत के आंकड़े अन्य देशों की तुलना में बेहद चौंकाने वाले हैं।

-मार्च 2014 से सितंबर 2016 तक सेल्फी लेने के दौरान दुनिया भर में कुल 127 मौतें हुई हैं।

-इनमें 76 मौतें सिर्फ भारत में हुई हैं, जो विश्व में हुई कुल मौतों की आधे से भी ज्यादा हैं।

वैश्विक समस्या

-भारत में 'सेल्फी मौतों' की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसकी 76 मौतों के ठीक पीछे पाकिस्तान है जहां सेल्फी के लिए 9 मौतें हुईं।

-अमेरिका में सेल्फी ने 8 लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया, तो रूस में 6 मौतें हुई हैं।

-फिलिपीन्स और चीन में 4-4, स्पेन में 3, पुर्तगाल, पेरू, इंडोनेशिया और तुर्की में 2-2 लोग 'सेल्फी मौत' की चपेट में आए।

-ऑस्ट्रेलिया, इटली, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, रोमानिया, हॉन्गकॉन्ग, सर्बिया, चिली और नेपाल में सेल्फी के चक्कर में 1-1 मौतें सामने आई हैं।

-शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च पेपर का शीर्षक दिया है- "मी, माईसेल्फ ऐंड माई किल्फी: कैरेक्टराइजिंग ऐंड प्रेवेंटिंग सेल्फी डेथ्स।"

-शीर्षक बताता है कि शोधकर्ता भारत में सेल्फी के दौरान होने वाली मौतों को लेकर हैरान हैं और इसे रोकने के उपायों को लेकर चिंतित हैं।

-तेज रफ्तार ट्रेन के सामने, खतरनाक झरनों, तेज बहाव वाली नदियों की धाराओं जैसी जगहों पर रोमांचक सेल्फी के दौरान लोग मौत की चपेट में आ जाते हैं।

रोमांच के लिए मौत

-शोधकर्ताओं ने पाया है कि सेल्फी से मरने वालों में अधिकांश 24 वर्ष से कम आयु के लोग थे।

-शोधकर्ताओं का यह भी आकलन है कि खतरनाक सेल्फी का प्रयोग करने वालों में महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा हैं।

-रोमांचक सेल्फी लेने वाले आमतौर पर ऊंची और संकरी जगहों से फिसल कर मौत के मुंह में समा जाते हैं।

-विश्व भर में सेल्फी के दौरान मरने वालों में 29 लोग पहाड़ों या इमारतों से गिर कर मरे, जबकि 11 लोग ट्रेन की चपेट में आकर।

-शोध के अनुसार ट्रेन की पटरियों पर ली जाने वाली सेल्फी हमेशा साथ साथ चलने वाली मित्रता के प्रतीक के रूप में ली जाती है।

-भारत में अधिकांश मौतें पानी में या उसके आसपास की खतरनाक जगहों पर हुई हैं।

चेतावनी

-शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह उम्मीद जताई है कि उनका शोध सेल्फी लेने वालों के लिए चेतावनी साबित होगा।

-शोधकर्ताओं ने यह भी उम्मीद जताई है कि इन घटनाओं के बाद मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां ऐसी टेक्नॉलॉजी विकसित करेंगी जो खतरनाक क्षेत्र में फोटो लेने वाले को आगाह कर दे।

-वैसे, भारत में पर्यटन मंत्रालय ने हाल में राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया है कि खतरनाक जगहों पर 'नो सेल्फी जोन' चिह्नित करें।

(फोटो साभार:आस्कनाइज)

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