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Indian Railway: Senior Citizens को फिर से मिलेगी ट्रेन के टिकट में छूट, संसदीय समिति ने की सिफारिश
Indian Railway: भाजपा सांसद राधामोहन सिंह ने केंद्र सरकार से वरिष्ठ नागरिकों को टिकट खरीदने में मिलने वाली रियायत पर लगी रोक को अविलंब हटाने को कहा है।
Indian Railways: कोरोना महामारी (corona pandemic) के बाद भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अपनी तरफ से यात्रियों को दी जाने वाली कई सुविधाओं को बंद कर दिया था। इनमें सीनियर सिटिजंस (Senior Citizens) को ट्रेन टिकट (train tickets) में मिलने वाली रियायत की सुविधा भी शामिल है। लंबे समय से इस सुविधा को फिर से बहाल करने की मांग की जा रही है। रेलवे की संसदीय स्थायी समिति ने भी इसकी सिफारिश की है। ऐसे में अगर सरकार ये सिफारिश मान लेती है तो स्लीपर और एसी क्लास में सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को फिर से रियायत की सुविधा बहाल हो सकती है।
कोरोना लॉकडाउन के कारण रियायत पर लगी थी रोक
जानकारी के मुताबिक, सरकार भी इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। भारतीय रेलवे की संसदीय समिति के चेयरमैन और भाजपा सांसद राधामोहन सिंह (BJP MP Radha Mohan Singh) ने केंद्र सरकार से वरिष्ठ नागरिकों को टिकट खरीदने में मिलने वाली रियायत पर लगी रोक को अविलंब हटाने को कहा है। दरअसल, रेलवे ने कोरोना लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान को देखते हुए रेलवे की कई सुविधाओं पर कैंची चलाई थी ताकि घाटे को कम से कम किया जा सके।
इन सुविधाओं में वरिष्ठ नागरिकों को टिकट बुकिंग के समय मिलने वाली छूट भी शामिल है। छूट वापस लेने के दौरान रेलवे ने भरोसा दिया था कि ये तात्कालिक है। भविष्य में वह पुनः इस सुविधा को बहाल करेगी। मगर काफी समय बीत जाने के बाद भी रेलवे द्वारा इस दिशा में कोई पहन न किए जाने को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है। महामारी के बाद हालात जैसे –जैसे सामान्य हो रहे हैं, रेलवे धीरे –धीरे अपनी पुरानी सुविधाओं को बहाल कर रहा है, जिसे सस्पेंड कर दिया गया था। एसी कोचों में बिस्तर फिर से दिया जाने लगा है। इसके अलावा खानपान की सुविधा भी बहाल हो चुकी है।
छूट पर रोक से सरकार ने कमाए इतने रूपये
पिछले दिनों संसद में सरकार ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बीते दो सालों में ट्रेनों में सीनियर सिटिजंस की यात्रा की संख्या बढ़ी है। रेलवे ने कोरोना के दौरान सीनियर सिटिजंस को मिलने वाली छूट पर रोक लगाने से 1500 करोड़ रूपये कमाए हैं।
बता दें कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने पिछले दिनों कहा था कि रेलवे ने वरिष्ठ नागरिक को रियायत छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की थी, मगर यह सफल नहीं हुआ। उन्होंने कहा था कि रियायत देना रेलवे को भारी पड़ता है।