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अयोग्य विधायकों पर खंडित फैसले के बाद सीनियर जज करेंगे अब सुनवाई
चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को अन्नाद्रमुक के 18 विधायकों की अयोग्यता पर खंडित आदेश दिया। चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को बरकार रखा, जबकि बेंच में शामिल दूसरे जज एम सुंदर इससे सहमत नहीं थे। अब यह केस मद्रास हाईकोर्ट के सबसे सीनियर जज एच रमेश के पास सुनवाई के लिए भेजा गया है।
अयोग्य विधायकों पर सुनवाई करेगी बेंच
हाईकोर्ट के खंडित आदेश के बाद विधायकों की अयोग्यता का मामले पर अब बड़ी बेंच सुनवाई करेगी। सभी 18 विधायक विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे। कोर्ट ने इस मामले में आखिरी फैसला आने तक इन 18 सीटों पर उपचुनाव कराने या विधानसभा में विश्वासमत परीक्षण कराने पर रोक लगाई है।
तमिलनाडु विधानसभा में विश्वासमत से पहले 22 अगस्त, 2017 को दिनाकरन गुट के 19 विधायक राज्यपाल विद्यासागर राव से मिले थे। तब उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही थी। सभी विधायक पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रहे थे। इन विधायकों में से एसकेटी जक्कैयां बाद में पलानीसामी खेमे में लौट आए थे, लिहाजा उनकी सदस्यता बच गई थी।
अयोग्य ठहराए गए सभी विधायक शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन के गुट के हैं। पिछले साल सितंबर में स्पीकर ने दलबदल कानून के तहत इनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी। इस फैसले के खिलाफ इन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी।
तमिलनाडु विधानसभा में कुल सीट: 234 निर्वाचित +1 मनोनीत
अन्नाद्रमुक: 217
अयोग्य ठहराए गए विधायक: 18
विपक्ष: 99