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कश्मीर में बढ़ा तनाव, अलगाववादियों का आर्मी कैंप तक मार्च

पुलवामा में 7 नागरिकों की मौत के बाद से घाटी में तनाव बढ़ गया है। अलगाववादी नेताओं ने मौतों के विरोध में मार्च का आह्वान किया है। अलगाववादी बदामी बाग स्थित आर्मी के चिनार कोर मुख्यालय तक मार्च करने वाले हैं। पुलवामा सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के 3 आतंकी मारे गए थे

Rishi
Published on: 17 Dec 2018 12:07 PM IST
कश्मीर में बढ़ा तनाव, अलगाववादियों का आर्मी कैंप तक मार्च
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श्रीनगर : पुलवामा में 7 नागरिकों की मौत के बाद से घाटी में तनाव बढ़ गया है। अलगाववादी नेताओं ने मौतों के विरोध में मार्च का आह्वान किया है। अलगाववादी बदामी बाग स्थित आर्मी के चिनार कोर मुख्यालय तक मार्च करने वाले हैं। पुलवामा सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के 3 आतंकी मारे गए थे जबकि एक जवान शहीद हुआ था। इसके बाद वहां भीड़ बढ़ने लगी ऐसे में भीड़ को तितरबितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने गोलीबारी की तो 7 नागरिकों की मौत हो गई थी और कुछ घायल हुए थे।

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सेना की अपील, बहकावे में मत आएं

सेना प्रवक्ता ने अपील की है कि जनता अलगाववादियों के गुमराह करने वाले और देशविरोधी आह्वान पर ध्यान न दें। सेना हमेशा से कश्मीर के लोगों के साथ है और सुरक्षा बलों के खिलाफ आवाम को खड़ा करने के आतंकवादी-अलगाववादी-पाकिस्तान गठजोड़ की ऐसी साजिशों को नाकाम कर देगी।

ये आतंकवादी, आम नागरिक, एसपीओ, पुलिस कर्मियों और छुट्टी पर गए अन्य सुरक्षा कर्मियों समेत बेगुनाह कश्मीरियों की बर्बर हत्याओं में शामिल थे। किसी भी आम व्यक्ति की जान हानि सुरक्षा बलों के लिए हमेशा दुखद होती है। पाकिस्तानी कारिंदों द्वारा ऐसे आह्वान का भारतीय सेना कड़ी निंदा करती है और लोगों को सलाह देती है कि राष्ट्र विरोधी ताकतों के ऐसे मंसूबों में न फंसें।

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क्यों खास है बदामी बाग कैंप

बदामी बाग कैंप में सीनियर आर्मी अधिकारियों के घर हैं। अलगाववादियों के मार्च के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर एनएच 44 को बंद कर दिया गया है। कई इलाकों में इंटरनेट सस्पेंड है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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