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हर बाल यौन उत्पीड़न का जवाब मौत की सजा नहीं : सॉलिसिटर जनरल

Rishi
Published on: 1 Feb 2018 3:41 PM GMT
हर बाल यौन उत्पीड़न का जवाब मौत की सजा नहीं : सॉलिसिटर जनरल
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नई दिल्ली : केंद्र ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि हर बाल यौन उत्पीड़न के मामले का जवाब मौत की सजा नहीं है और पॉस्को अधिनियम, 2012 में अपराध के स्तर के अनुसार अलग-अलग सजा का प्रावधान है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.एस. नरसिम्हा ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ से कहा, "हर समस्या का हल मौत की सजा नहीं है। पॉस्को के तहत वर्गीकृत अपराधों के अनुसार वर्गीकृत दंड हैं।"

यह पीठ आठ महीने की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले की सुनवाई कर रही है। बच्ची का अभी एम्स में इलाज चल रहा है।

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केंद्र मामले पर अपनी स्थिति रख रहा था क्योंकि याचिकाकर्ता वकील ने आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की है।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जानना चाहा कि यौन अपराध बाल संरक्षण अधिनियम (पॉस्को) के तहत क्या सजा है। उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा, "हम मौत की सजा का सुझाव नहीं दे सकते, जैसा कि आप सुझाव दे रहे हैं।"

इस मामले को नृशंस बताते हुए अदालत ने पॉस्को के तहत लंबित मामलों की संख्या, उनके मुकदमे की स्थिति व मुकदमे में लगने वाले समय का आंकड़ा मांगा।

अदालत ने यह आंकड़ा याचिकाकर्ता द्वारा पॉस्को मामलों की फास्ट ट्रैक सुनवाई की मांग पर मांगा, जिसमें उसने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि इस तरह के मामलों में तीन साल में फैसले आते हैं।

अदालत के बुधवार के आदेश के पालन में एम्स के दो चिकित्सक कलावती सरण अस्पताल गए और बच्ची की जांच की। अदालत को बताया गया कि अब बच्ची को एम्स में स्थानांतरित कर दिया गया है।

मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को निर्धारित की गई है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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