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‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे से महाराष्ट्र में हुआ ध्रुवीकरण, शरद पवार का बड़ा बयान, इस योजना को भी बताया हार का कारण
Sharad Pawar: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की हार के बाद शरद पावर ने बड़ा बयान दिया है।
Sharad Pawar: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी हार झेलनी पड़ी है। राज्य के चुनाव में करारा झटका लगने के बाद गठबंधन के नेता हार के कारणों का विश्लेषण करने में जुटे हुए हैं। इस बीच राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले एनसीपी नेता शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे ने बड़ा असर दिखाया है। इस नारे के जरिए महाराष्ट्र में वोटों का ध्रुवीकरण किया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुनावी सभाओं में इस नारे को उछाला था। शरद पवार ने कहा कि इस नारे के साथ ही लड़की बहन योजना ने भी चुनाव में बड़ा असर दिखाया है। इस योजना के जरिए महायुति को महिलाओं का वोट हासिल करने में कामयाबी मिली है।
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के जरिए ध्रुवीकरण
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने जो फैसला सुनाया है,वह हमें स्वीकार है। उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में हूं और मैंने इस तरह का अनुभव पहले कभी नहीं किया। इस करारी हार के बाद हम आत्ममंथन करेंगे। शरद पवार की पार्टी एनसीपी को इस विधानसभा चुनाव में सिर्फ 10 सीटों पर कामयाबी मिली है।
एनसीपी नेता ने कहा कि महाराष्ट्र का चुनाव जीतने के लिए ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा उछाला गया। इस नारे के जरिए महायुति को मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने में मदद मिली है। इसी कारण महायुति की सीटों की संख्या में इतनी भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
लड़की बहन योजना ने भी दिखाया असर
पवार ने कहा कि राज्य भर के पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के मुताबिक लड़की बहन योजना भी महाविकास अघाड़ी गठबंधन की हार का बड़ा कारण बनी। पिछले तीन महीने से महिलाओं के खाते में पैसे भेजे जा रहे थे। पहले महिलाओं को पैसे बांटे गए और फिर इस योजना का खूब प्रचार किया गया। उन्होंने कहा कि केवल विधानसभा चुनाव जीतने के लिए महायुति की ओर से इस योजना की शुरुआत की गई थी।
इसके साथ ही भाजपा और उसके साथी दलों के नेताओं ने जनता से झूठ भी बोला। उन्होंने जनता के बीच इस बात का प्रचार किया कि यदि अघाड़ी की सरकार बनी तो महिलाओं के लिए शुरू की गई इस योजना को खत्म कर दिया जाएगा। इसका कारण महिलाओं का वोट पाने में महायुति को कामयाबी मिली।
हार के कारणों पर होगा मंथन
पवार ने कहा कि जल्दी ही पार्टी की ओर से चुनावी हार के कारणों पर मंथन किया जाएगा और फिर उसके बाद नई ताकत के साथ पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हमें इस तरह के परिणामों की उम्मीद नहीं थी, मगर इसे स्वीकार करना होगा क्योंकि यह जनता का फैसला है। मैं हार के संबंध में और ब्योरा इकट्ठा करने में जुटा हूं और उसके बाद नए सिरे से काम किया जाएगा। महाराष्ट्र में इस बार शरद पवार की पार्टी को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली है जबकि अजित पवार ने 41 सीटें जीत ली हैं।
बारामती सीट पर इस कारण मिली हार
बारामती में अपने पोते युगेंद्र पवार के अजित पवार से हार का जिक्र करते हुए शरद पवार ने कहा कि वहां किसी को चुनाव तो लड़ाना ही था। अगर हम चुनाव न लड़ाते तो गलत संदेश जाता। उन्होंने कहा कि अजित पवार और युगेंद्र पवार की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि अजित पवार लंबे समय से संगठन के लिए काम करते रहे हैं जबकि युगेंद्र पवार अभी अनुभवहीन हैं। अपने रिटायरमेंट के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि इस तरह के फैसले साथियों से चर्चा करने के बाद ही लिए जाते हैं।