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Maharashtra: भाजपा के साथ बिगड़ रही है अजित पवार की ट्यूनिंग, कई वरिष्ठ नेताओं ने भी छोड़ा साथ, शरद पवार गुट का बड़ा दावा

Maharashtra Politics: संघ से जुड़े एक प्रकाशन की ओर से दावा किया गया है कि महाराष्ट्र के मतदाताओं को भाजपा और अजित पवार का साथ रास नहीं आया और भाजपा को शिकस्त झेलना पड़ी।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 18 July 2024 9:09 AM IST (Updated on: 18 July 2024 9:29 AM IST)
Ajit Pawar
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Ajit Pawar (photo: social media ) 

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव का नतीजा घोषित होने के बाद से ही भाजपा और एनसीपी के अजित पवार गुट के बीच सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। महाराष्ट्र में लगे चुनावी झटके के बाद संघ की ओर से अजित पवार से हाथ मिलाने को हार का बड़ा कारण बताया गया था। अब संघ से जुड़े एक प्रकाशन की ओर से दावा किया गया है कि महाराष्ट्र के मतदाताओं को भाजपा और अजित पवार का साथ रास नहीं आया और भाजपा को शिकस्त झेलना पड़ी।

अब एनसीपी के शरद पवार गुट की ओर से बड़ा दावा किया गया है। शरद पवार गुट का कहना है कि भाजपा अजित पवार से दूरी बनाने का प्रयास कर रही है क्योंकि वह उनके साथ विधानसभा चुनाव के मैदान में नहीं उतारना चाहती। दूसरी ओर महाराष्ट्र के सियासत में अजित पवार को लगातार झटकों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को पार्टी के करीब 25 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इनमें से अधिकांश नेताओं ने शरद पवार का दामन थाम लिया है।

भाजपा नेता अजित से गठबंधन के खिलाफ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े प्रकाशन विवेक का कहना है कि अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से हाथ मिलाने के बाद महाराष्ट्र के मतदाताओं की भावनाएं भाजपा के खिलाफ हो गईं और इसी का नतीजा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। संघ के प्रकाशन की ओर से एक सर्वेक्षण का हवाला भी दिया गया है जिसमें भाजपा के सदस्यों ने अजित पवार की पार्टी से हाथ मिलाने के फैसले को ठुकरा दिया है।

महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव के नतीजे को देखा जाए तो इस बार सत्तारूढ़ एनडीए को करारा झटका लगा है। भाजपा सिर्फ नौ सीटों पर सिमट गई है। शिंदे गुट को सात और अजित पवार गुट को सिर्फ एक सीट हासिल हुई है। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 में से 30 सीटों पर कब्जा कर लिया है।


अजित पवार से मुक्ति पाना चाहती है भाजपा

इस बीच एनसीपी शरद पवार गुट की ओर से दावा किया गया है कि भाजपा को इस बात का एहसास हो गया है कि अजित पवार गुट का साथ उसके लिए नुकसान पहुंचाने वाला साबित हो सकता है। पार्टी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि भाजपा अजित पवार गुट को लेकर अब काफी सतर्क हो गई है क्योंकि वह चुनाव जीतना चाहती है। अजीत पवार गुट को साथ रखने की स्थिति में उसे लोकसभा चुनाव की तरह एक बार फिर हार का सामना करना पड़ सकता है।

उन्होंने यहां तक दावा किया कि भाजपा किसी तरह अजित पवार गुट से दूरी बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। शायद उन्हें किसी तरह महायुति गठबंधन छोड़ने के लिए कहा गया है। क्रैस्टो ने कहा कि महाराष्ट्र के मतदाताओं ने शिंदे कूट और अजित पवार गुट के साथ भाजपा के गठबंधन को स्वीकार नहीं किया है। अजित पवार का साथ तो पार्टी के लिए काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला साबित हुआ है।


अजित पवार को अपने गढ़ में ही लगा बड़ा झटका

इस बीच विधानसभा चुनाव से पूर्व अजित पवार गुट की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। बुधवार को उनकी पार्टी के 25 से ज्यादा पदाधिकारियों ने पार्टी को अलविदा कह दिया। इनमें से अधिकांश नेताओं ने एक बार फिर शरद पवार गुट का दामन थाम लिया है। ये सभी नेता पिंपरी-चिंचवाड़ इलाके के हैं।

इनमें दो पूर्व मेयर, नेता विपक्ष और 20 से अधिक पार्षद शामिल हैं। यहां यह अभी उल्लेखनीय है कि पिंपरी-चिंचवाड़ इलाके को अजित पवार का गढ़ माना जाता है और उन्हें अपने गढ़ में ही करारे झटके का सामना करना पड़ा है।


अब पुराने तेवर में दिख रहे हैं शरद पवार

इन पदाधिकारियों के साथ आने के बाद शरद पवार अच्छा को काफी मजबूती मिली है। पार्टी में पिछले साल हुई बगावत के बाद शरद पवार इस इलाके में काफी कमजोर हो गए थे मगर अब उनके पास पुरानी ताकत लौटती हुई दिख रही है। इस बीच अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल की हाल में हुई शरद पवार से मुलाकात के बाद राज्य में सियासी हलचल काफी तेज दिख रही है।

अजित पवार की पार्टी में वापसी के सवाल पर शरद पवार का कहना है कि इस तरह के फैसले व्यक्तिगत तौर पर नहीं लिए जा सकते। हमें उन लोगों से इस बाबत चर्चा करनी होगी जिन्होंने संकट के समय मेरा साथ दिया था।





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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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