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शेयर बाजार : व्यापक आर्थिक आंकड़े, भूराजनैतिक तनाव पर रहेगी नजर
नई दिल्ली: अगले सप्ताह शेयर बाजारों में निवेशकों की नजर व्यापक आर्थिक आंकड़ों, उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तथा भारत और चीन के बीच जारी भूराजनैतिक तनाव, कंपनियों के तिमाही नतीजों, मॉनसून के रुख, वैश्विक बाजारों के रुझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के रुख, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर रहेगी।
मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बजार बंद रहेंगे। अगले सप्ताह जिन प्रमुख कंपनियों के नतीजे घोषित किए जाएंगे, उनमें अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन की चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे शनिवार को घोषित किए जाएंगे। कोल इंडिया, ग्रासिम इंडस्ट्रीज और टाटा पॉवर कंपनी की वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के नतीजे सोमवार को आएंगे।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि मॉनसून के दौरान देश में 9 अगस्त तक बारिश सामान्य से 3 फीसदी कम हुई है।
शुक्रवार को सरकार ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों की घोषणा की, महीने दर महीने आधार पर जून में आईआईपी वृद्धि दर 1.7 फीसदी से घटकर -0.1 फीसदी रही है। महीने दर महीने आधार पर जून में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 1.2 फीसदी से घटकर -0.4 फीसदी रही है।
वही खनन क्षेत्र की वृद्धि दर में भी गिरावट हुई है और यह मई के -0.9 फीसदी के मुकाबले 0.4 फीसदी हो गई है। हालांकि महीने दर महीने आधार पर जून में विद्युत क्षेत्र की वृद्धि दर 8.7 फीसदी से घटकर 2.1 फीसदी रही है। सोमवार को जब बाजार खुलेंगे तो इन नकारात्मक नतीजों का बाजार की चाल पर असर दिखाई देगा।
सरकार मुद्रास्फीति पर आधारित जुलाई के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े सोमवार को जारी करेगी। इस साल जून में डब्ल्यूपीआई 0.9 फीसदी थी, जबकि मई में यह 2.17 फीसदी थी।
वहीं, सोमवार को ही सरकार मुद्रास्फीति के आंकडो़ं पर आधारित जुलाई के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की घोषणा करेगी। जून में सीपीआई की दर 1.54 फीसदी थी, जबकि मई में यह 2.18 फीसदी थी।
वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनातनी जारी है और दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका के बीच वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। अगले हफ्ते भारतीय बाजार पर भी इनका असर होगा। वहीं, घरेलू मोर्चे पर भूटान के डोकलांग में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव जारी है। हालांकि भारत की तरफ से बार-बारे मुद्दे को कूटनीतिक समाधान के जरिए सुलझाने की बात कही जा रही है, लेकिन अनिश्चितता बरकरार है। किसी 'अनहोनी' की दशा में बाजार पर इसका गहरा असर होगा।
व्यापक आर्थिक आंकड़ों में अमेरिकी खुदरा बिक्री के जुलाई के आंकड़े मंगलवार को जारी किए जाएंगे। फेडरल ओपन मार्केट कमिटी 26 जुलाई को हुई अपनी पिछली बैठक मिनट्स बुधवार को जारी करेगी। जैसा की उम्मीद थी फेड रिजर्व ने अपनी मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया है और 26 जुलाई को की गई घोषणा में ब्याज दरों को यथावत रखा है।