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Sheikh Hasina News: कभी करती थीं लाखों की शापिंग, आज शेख हसीना के पास भारत में कपड़े लेने के लिए कम पड़ गए पैसे, जानें फिर...
Sheikh Hasina News: हसीना को देश छोड़ने के लिए सेना ने केवल 45 मिनट का समय दिया था। इसके बाद वो अपनी बहन शेख रेहाना और अपने करीबी सहयोगियों के साथ एक सैन्य परिवहन जेट में भारत के लिए रवाना हो गई थी।
Sheikh Hasina News: बांग्लादेश में हिसंक प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही देश भी छोड़ना पड़ गया था। सेना ने उन्हें देश छोड़ने के लिए 45 मिनट का समय दिया था। इस्तीफा देने के बाद वो भारत आ गई थीं, यहां वो पिछले कुछ दिनों से दो गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर कड़ी सुरक्षा के बीच रह रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बीच देश छोड़कर भागी शेख हसीना और उनकी टीम अपने साथ अतिरिक्त कपड़े या दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी नहीं लेकर आ पाईं हैं। हसीना को देश छोड़ने के लिए बांग्लादेशी सेना ने केवल 45 मिनट का समय दिया था। इसके बाद वो अपनी बहन शेख रेहाना और अपने करीबी सहयोगियों के साथ एक सैन्य परिवहन जेट में भारत के लिए रवाना हो गई थी।
भीड़ से बचने को छोड़ना पड़ा देश
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना और उनकी पूरी टीम को भीड़ से बचने के लिए बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। इसी बीच सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेशी दल के साथ तैनात सदस्यों ने उन्हें कपड़े और दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदने में मदद की। भारत आने के बाद शेख हसीना और उनकी टीम एयरबेस के पास एक सुरक्षित घर में रह रही हैं।
कम पड़ गए थे पैसे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर बने शॉपिंग कांप्लेक्स से शेख हसीना ने अपने और अपनी बहन के लिए जरूरी सामान की खरीददारी की। उन्होंने अपने और अपनी बहन के लिए कपड़े खरीदे थे। जानकारी के अनुसार, उन्होंने करीब 30,000 रुपये की खरीदारी की। उन्होंने पेमेंट भारतीय मुद्रा में किया लेकिन कुछ पैसे कम पड़ गए थे, जिसके बाद उन्होंने बांग्लादेशी करेंसी का इस्तेमाल किया।
दूसरे देश में शरण मिलने तक भारत में रहेगी
सूत्रों के अनुसार, भारत ने शेख हसीना को किसी दूसरे देश में शरण मिलने तक रहने की इजाजत दे दी है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सुरक्षाकर्मी और प्रोटोकॉल अधिकारी दल के सदस्य उनकी तनाव और सदमे से उबरने में मदद कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शेख हसीना और उनके दल के सदस्यों से मिलने वाले पहले व्यक्ति थे। दोनों पक्षों ने अपदस्थ प्रधानमंत्री की वर्तमान और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की थी।