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नन्हें बच्चों के घरवाले, दोस्त नहीं रोक पा रहे बहते आंसूओं को... प्रशासन पर फूटा गुस्सा
शिमला में सोमवार को हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की स्कूल बस लोअर खलीनी में सड़क से करीब 300 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में कॉन्वेंट ऑफ जीजस एंड मैरी (चेल्सी) स्कूल की दो छात्राओं और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई।
नई दिल्ली : शिमला में सोमवार को हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की स्कूल बस लोअर खलीनी में सड़क से करीब 300 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में कॉन्वेंट ऑफ जीजस एंड मैरी (चेल्सी) स्कूल की दो छात्राओं और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में घायल कंडक्टर और पांच छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
घायलों का आईजीएमसी शिमला में उपचार चल रहा है। हादसे की वजह सड़क पर अवैध पार्किंग बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस सुबह 7:30 बजे झंझीड़ी से निकली थी।
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कैंडल मार्च
अब भी 5 छात्राओं और बस कंडक्टर का आईजीएमसी में इलाज चल रहा है। हादसे में मारे गए लोगों की आत्मिक शांति क लिए ख्रलीणी के झंझीडी में लोगों ने झंझीडी बस स्टेंड से हादसे वाली जगह तक कैंडल मार्च निकाला गया।
शिमला में सोमवार को हुए स्कूल बस हादसे के बाद सूबा गम में डूबा हुआ है। हर तरफ लोगों में दुख और गुस्सा भी है। हादसे में दो मासूम छात्राओं के अलावा ड्राइवर की भी मौत हो गई।
कैंडल मार्च में मृतक छात्राओं की सहेलियों और रिश्तेदारों ने भाग लिया, वहीं आईजीएमसी में उपचाराधीन छात्राओं के अभिभावक भी मौजूद रहे। गायत्री मंत्र, ओम उच्चारण और मौन के जरिए लोगों ने मृतक छात्राओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और घायलों के जल्दी अच्छा होने की दुआ मांगी।
मान्या और मेहुल के दोस्त, दोनों को याद कर अपने आंसू नहीं रोक पाए। दोनों की छोटी-छोटी बातें और मासूम हरकतें याद कर हर किसी का कलेजा पसीज रहा था।
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लोगों में प्रशासन को लेकर भी काफी गुस्सा दिखा। लोगों का कहना है कि यहां की समस्याओं से अवगत होते हुए भी प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं लिया। अगर समय रहते यहां की समस्या सुलझ जाती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।