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कांग्रेस ने जयराम के खिलाफ खोला मोर्चा
शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री पहचान के संकट से जूझ रहे हैं। न तो उन्हें उनके मंत्रिमंडल के सदस्य काबिल सीएम मानते हैं और न ही पार्टी कार्यकर्ता। इसलिए वह विलाप करते हुए खुद के चुने हुए विधायक व सीएम होने की दुहाई देते फिर रहे हैं।
कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि जयराम ठाकुर जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह उनकी बौखलाहट को झलका रहा है। मुकेश अग्निहोत्री ने सीएम की कांग्रेस में कुछ वरिष्ठ व छुटभैये नेताओं संबंधी टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा में वरिष्ठ नेता को चुनावों के दौरान प्रदेश का सीएम प्रोजेक्ट किया गया था, लेकिन वह चुनाव हार गए तथा छुटभैये नेता सीएम बन गए। उन्होंने कहा कि वह इस भाषा का उपयोग करना नहीं चाहते, लेकिन जब सीएम का अपनी भाषा पर कोई नियंत्रण नही तो इस प्रकार के जवाब तो मिलेंगे ही।
उन्होंने कहा कि सीएम ने उनके विधानसभा क्षेत्र व जिले को पंजाबी कल्चर के साथ जोड़कर टिप्पणी करके अपनी क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाली सोच को उजागर किया है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वह जयराम ठाकुर से अधिक हिमाचली हैं तथा उन्हें ऊना जिला व हरोली विधानसभा क्षेत्र से जुड़े होने पर गर्व है तथा यहां जो बोली लोग बोलते हैं, वह उसको बोलने में भी गर्व महसूस करते है। उन्होंने कहा कि वह उनसे (जयराम ठाकुर) अधिक अच्छी पहाड़ी व हिंदी भाषा भी बोल सकते हैं, लेकिन अपने क्षेत्र की भाषा बोलने व संस्कृति से जुड़ाव पर कोई रोक नहीं सकता। अग्निहोत्री ने कहा कि सीएम बेशक उनको नेता प्रतिपक्ष न मानें, लेकिन प्रदेश की जनता जानती है कि कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है तथा हम जनता के हितों की बातों को प्रभावी ढंग से उठा रहे हैं। विपक्ष को सिखाने के स्थान पर वह मुख्यमंत्री सरकार को चलाना सीखें।
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मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वह भी चार बार चुनाव जीत कर आए हैं तथा उन्हें जयराम ठाकुर से प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि छह माह के शासन में एक भी फैसला अपने विवेक से सीएम नहीं ले पाए हैं। सरकार का रिमोट किसके हाथ में है, सलाहकार कौन है, किसके कहने पर प्रेस कान्फ्रेंस होती है, जब इसका खुलासा करेंगे तो वह छटपटाएंगे।
कांग्रेस पर पलटवार
कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री के तीखे प्रहार के बाद भाजपा ने भी पलटवार किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के तीन मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि कांग्रेस सरकार के कई कच्चे चि_े परत दर परत खुल रहे हैं। इन्हें सामने आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। उन्होंने मुकेश अग्निहोत्री को सुझाव दिया कि वह पहले अपना बिखरता हुआ कुनबा संभालें, फिर प्रदेशवासियों द्वारा भारी बहुमत से निर्वाचित सरकार पर टिप्पणी करें। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि चाटुकारिता से शीर्ष पद प्राप्त करना कांग्रेस की कार्य संस्कृति रही है। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार तथा पंचायती राजमंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री को अब इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिए कि प्रदेशवासियों ने उनकी पार्टी को पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री सत्ता के वियोग में जिस अशोभनीय भाषा को प्रयोग कर रहे हैं, यह पूरी तरह अनुचित है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार पांच बार प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं और मुख्यमंत्री के रूप में उनका चयन पार्टी हाइकमान तथा भाजपा विधायक दल द्वारा उनके अनुभव, कार्यकुशलता व छवि को देखते हुए किया गया है। मुकेश को यह स्मरण रहना चाहिए कि भाजपा की संस्कृति पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करने की है और यदि मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विकास कार्यों के विचार विमर्श करते हैं तो इसमें क्या बुराई है। दरबारी होने की प्रथा तो कांग्रेस पार्टी की है, जहां पार्टी का हर नेता चाटुकारिता कर उच्च पद प्राप्त करता है। तीनों मंत्रियों ने कहा कि भाजपा प्रदेश के सभी क्षेत्रों की संस्कृति, सभ्यता व भाषाओं का सम्मान करती है, परंतु भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता जानता है कि मर्यादित भाषा क्या होती है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री किशन कपूर का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस की जमीन पूरी तरह से खिसक चुकी है तथा सत्ता खोने के गम को कांग्रेस नेता पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी बौखलाहट में कांग्रेस नेता स्तरहीन बाते करने पर उतारू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री सीएम को सलाह देने से पहले अपनी पार्टी में पहचान तो बनाएं। उन्हें तो उनकी पार्टी के ही विधायक अपना नेता तक नहीं मानते तथा जूनियर को सीएलपी नेता बनाने से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के हाल ही में धर्मशाला दौरे में कई कांग्रेस विधायकों ने कन्नी काट ली। प्रदेश में कांग्रेस वीरभद्र व सुक्खू गुटों में बदली है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय में मंत्रियों के रास्ते अलग-अलग होते थे। जीएस बाली की राहें कुछ होती थीं, तो दूसरे मंत्रियों के रास्ते कुछ और होते थे।