सपा घमासान पर बोले शिवपाल- प्रोफेसर लगे तो एक साल से थे, लेकिन हम समझ नहीं पाए

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By aman
Published on: 11 Jan 2017 9:29 AM GMT
सपा घमासान पर बोले शिवपाल- प्रोफेसर लगे तो एक साल से थे, लेकिन हम समझ नहीं पाए
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शिवपाल यादव बनाएंगे सेक्‍युलर मोर्चा, कहा- सपा संविधान के रचयिता को गीता पढ़ने की जरूरत

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी घमासान के बीच पार्टी अब दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है। एक खेमा सीएम अखिलेश यादव का है तो दूसरा उनके पिता मुलायम सिंह यादव का। अखिलेश यादव के साथ उनके चाचा रामगोपाल यादव हैं तो मुलायम के साथ उनके भाई शिवपाल यादव हैं।

इस सबके बीच शिवपाल यादव का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वे चुनाव चिन्ह और पार्टी में टूट पर बात करते हुए नजर आ रहे। यह वीडियो किसी बैठक का लग रहा है।

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वीडियो में ये कह रहे हैं शिवपाल

इस वीडियो में शिवपाल यादव कह रहे हैं, किन्हीं परिस्थितियों में कहीं कुछ नहीं होता है, तो हमें दूसरा चुनाव चिन्ह मिलेगा। बहुत सारे चुनाव चिन्ह हैं। हम दूसरा मांग लेंगे। जैसे उन्होंने पहले मोटरसाइकिल मांगा था। प्रोफेसर (रामगोपाल यादव) तीन महीने से तैयारी कर रहे थे। वैसे तो वे एक साल से लगे हुए थे। लेकिन हम समझ नहीं पाए। वो तो मुख्यमंत्री जी से जब ये मामले हुए तब पता चला। नेताजी ने देश में इतनी बड़ी पार्टी बनाई है और बीते 25 सालों से वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।'

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जो मेरे पास था, वो सारा दे दिया

सुलह के लिए सपा की ओर से करीब-करीब हर रोज बैठकें हो रही हैं। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। संकट ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच मुलायम सिंह के तेवर कभी नरम तो कभी गरम दिख रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने लखनऊ में पार्टी दफ्तर पर प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा, 'आप भी जानते हैं कि पार्टी को तोड़ने में कौन लगा है। कौन यह सारी साजिश रच रहा है। कौन बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलता है। बहुत मेहनत से पार्टी खड़ी की है। इसे बनाने के लिए कितने लोगों ने लाठियां खाईं हैं। इस पार्टी को बनाने के पीछे कितनी लंबी संघर्ष की कहानी है। हम नहीं चाहते हैं कि पार्टी टूटे। जो मेरे पास था, वो सारा दे दिया। अब मेरे पास क्या है। हम पार्टी को टूटने नहीं देंगे। मुझे कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मुलायम शिवपाल के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

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दोनों गुट का अपना-अपना दावा

फिलहाल अखिलेश और मुलायम समर्थक गुट दोनों ने ही चुनाव आयोग में अपनी-अपनी दावेदारी पेश की है। दोनों गुट पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल लेने की कोशिश में जुटे हैं। हालांकि, अभी देखना यह होगा कि चुनाव आयोग चुनाव चिन्ह 'साइकिल' किसे देती है या फिर उसे फ्रीज कर देगा। हालांकि, दोनों गुटों की ओर से चुनाव चिन्ह साइकिल लेने के लिए काफी कोशिश की जा रही है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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