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बाबा ओंकारेश्वर के दरबार में 'बादशाह' बन हाजिर हुए शिवराज-शाह
ओंकारेश्वर : देश के प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक ओंकारेश्वर में सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आने के कार्यक्रम को ध्यान में रखकर प्रशासन ने तीन घंटे के लिए आम भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इससे श्रद्घालुओं में भारी असंतोष नजर आया। अंतिम दौर में शाह के आने का कार्यक्रम निरस्त हो गया लेकिन उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
भक्तों को रोककर अतिविशिष्ट लोगों को प्रवेश देने के फैसले से यहां राजा और रंक का फर्क साफ देखने को मिला।
बसंत पंचमी और आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का भूमि पूजन सोमवार को होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्घालुओं का यहां जमावड़ा रहा। विदिशा से आए राहुल ने बताया, "मैं बड़ी उम्मीद लेकर मंदिर तक पहुंच तो गया, लेकिन दर्शन नहीं कर पाया। मुझे बताया गया कि तीन घंटे के लिए मंदिर बंद किया गया है। प्रशासन की इस व्यवस्था से बड़ा दुख हुआ।"
इस बीच मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में सोमवार को आदि शंकराचार्य की अष्टधातु से बनने वाली प्रतिमा का भूमि पूजन किया गया। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां यहां मौजूद रहीं।
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नर्मदा नदी के तट पर श्रद्घालुओं की भारी भीड़ रही। आम तौर पर श्रद्घालुओं को शिव मंदिर तक एक किनारे से दूसरे किनारे तक ले जाने के लिए नाव भी चलती है, उन नाव को भी बंद रखा गया। साथ ही एक मार्ग की व्यवस्था ऐसी की गई कि लोगों को कई किलोमीटर की परिक्रमा लगानी पड़ी। कुछ को तो सुबह 11 बजे तक दर्शन का लाभ मिल गया मगर 11 बजे के बाद श्रद्घालु बिना दर्शन के ही लौट गए।
जब आम श्रद्घालुओं के लिए मंदिर में प्रवेश वर्जित था, तभी सवा 11 बजे के करीब महा मंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी वहां पहुंचे, जिसके बाद मौके पर तैनात सुरक्षा बल ने मंदिर तक जाने वाले रास्ते से प्रवेश की ताक में खड़े श्रद्घालुओं को हटाकर स्वामी जी को अंदर जाने का रास्ता बनाया और स्वामी जी अपने भक्तों के साथ मंदिर की ओर बढ़ गए।
यहां आए रामाधार नाम के बुजुर्ग ने अपनी परेशानी का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वे मंदिर में दर्शन करने में तो सफल रहे, मगर उनका सामान मंदिर के पास ही छूट गया है। उन्हें सामान उठाने के लिए वापस नहीं जाने दिया गया।
विभिन्न स्थानों से पहुंचे बड़ी संख्या में युवा, बुजुर्ग, पुरुष और महिलाओं की ज्योतिर्लिंग के दर्शन की अभिलाषा अधूरी रह गई। इसके चलते उन लोगों ने नर्मदा नदी के जल का आचमन कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
राज्य में सरकार की ओर से धातु संग्रह करने के मकसद से निकाली गई एकात्म यात्रा की पूर्णता सोमवार को ओंकारेश्वर में हो रही है। एकात्म यात्रा राज्य के विभिन्न हिस्सों से निकली, इस यात्रा के दौरान धातु का संग्रह किए जाने के साथ मिट्टी भी जुटाई गई।