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Shraddha Walker Father Death: नहीं मिला श्रद्धा वालकर को न्याय, हो गई पिता की मौत; रह गई अंतिम संस्कार की इच्छा अधूरी

Shraddha Walker Father Death: श्रद्धा के पिता बेटी के न्याय के लिए दिल्ली का चक्कर काटते रहे। न्याय तो नहीं मिला लेकिन उनकी यानी श्रद्धा के पिता विकास वाल्कर की मौत जरूर हो गई।

Sakshi Singh
Published on: 9 Feb 2025 8:15 PM IST
Shraddha Walker Father Death
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Shraddha Walker Father Death

Shraddha Walker Father Death: दिल्ली का चर्चित मर्डर केस श्रद्धा वालकर अभी भी लोगों के जेहन में है। लिव इन में रह रही श्रद्धा की हत्या कर उसके 35 टुकड़े कर फ्रिज में रख दिया गया। श्रद्धा के हत्या का आरोप उसके ब्वॉयफ्रैंड पर है। श्रद्धा के पिता बेटी के न्याय के लिए दिल्ली का चक्कर काटते रहे। न्याय तो नहीं मिला लेकिन उनकी यानी श्रद्धा के पिता विकास वाल्कर की मौत जरूर हो गई।

बेटी की विधि विधान से अंतिम संस्कार करने की अंतिम इच्छा भी विकास वाल्कर की अधूरी रह गई। बेटी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे श्रद्धा वालकर के पिता की मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वे अंतिम समय तक न्याय का इंतजार करते रहे( बेटी की मौत के बाद वे सदमे में रहने लगे थे।

ब्वॉयफ्रैंड के साथ लिव इन में रहती थी

बता दें कि रविवार यानी आज सुबह वालकर का दिल का दौरा पड़ गया। उन्हें इलाज के लिए वसई के बंगाली स्थित कार्डिनल ग्रेसियस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। 28 साल की श्रद्धा वालकर अपने ब्वॉयफ्रैंड आफताब पूनावाला के साथ दिल्ली में रह रही थी।

14 नवंबर 2022 को हुआ हत्या का खुलासा

आफताब ने मई 2022 में श्रद्धा वाल्कर की हत्या कर दी।और उसके शरीर को 35 टुकड़े में करके फ्रिज रख दिया। जिसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए धीरे-धीरे गुणगांव के जंगलो में फेंकता रहा। हत्या का खुलासा 14 नवंबर 2022 को हुआ। जिसके बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया।

3 सालसे इस केस की लड़ रहे थे लड़ाई

श्रद्धा के पिता विकास वाल्कर पिछले 3 सालों से इस केस की लड़ाई लड़ रहे थे। दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा के शव के 13 टुकड़ों को बरामद किया, जिन्हें आफताब जंगल में फेंक दिया था। श्रद्धा के पिता उसका अंतिम संस्कार कराना चाहते थे, इसलिए उन्होंने शव के अन्य अवशेषों की मांग की मांग करते हुए दिल्ली आते रहते थे।



Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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