Shraddha Walker Murder Case: श्रद्धा को उत्तराखंड में ही मारना चाहता था आफताब,..शातिर के दिमाग में थे कई प्लान

Shraddha Walker Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस में अब उत्तराखंड कनेक्शन सामने आया है। आरोपी आफताब के दिमाग में श्रद्धा को ठिकाने लगाने के कई प्लान थे। यहां जानें...

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Written By aman
Published on: 17 Nov 2022 1:16 PM GMT
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श्रद्धा वॉकर और आफताब अमीन पूनावाला (Social Media)

Shraddha Walker Murder Case: श्रद्धा वॉकर हत्याकांड में हर रोज कुछ नया खुलासा हो रहा है। दिल्ली पुलिस श्रद्धा हत्याकांड की कड़ियां जोड़ने में जुटी ही थी, कि अब नए एंगल ने उसके सिर को चकरा दिया है। दिल्ली पुलिस श्रद्धा मर्डर केस में अभी तक मेहरौली से मुंबई के तार जोड़ जोड़ने में जुटी थी कि, उत्तराखंड कनेक्शन सामने आ गया। हत्याकांड की पड़ताल में जुटी पुलिस को पता चला है कि आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) श्रद्धा को उत्तराखंड ले जाकर वहीं निपटाने की फ़िराक में था। अब इसे मुश्किल कहें या कुछ और लेकिन वो अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाया।

दिल्ली पुलिस आफताब के साथ श्रद्धा के शव के टुकड़े तलाशने जंगल-जंगल भटक रही है। हालांकि, जांच में पुलिस को सफलता भी मिली है। आफ़ताब के कहे अनुसार शव के 35 टुकड़े किए गए थे, जिसमें बमुश्किल 10 से 12 टुकड़े ही हाथ लगे हैं। डीएनए टेस्ट के बाद ही ये स्पष्ट हो पाएगा कि ये टुकड़े इंसान के हैं या किसी जानवर आदि के। लेकिन, इस बीच उत्तराखंड कनेक्शन ने एक बार फिर दिल्ली पुलिस का दिमाग चकरा दिया है।

मुंबई से ले गया था हरिद्वार-ऋषिकेश

श्रद्धा हत्याकांड (Shraddha Murder Case) की जांच में जुटी पुलिस टीम की तरफ से छन-छनकर ख़बरें आ रही है। मुंबई और दिल्ली पुलिस की जांच के बाद आफ़ताब की बेवफाई के एक और रहस्य से पर्दा उठा है। बताया जा रहा है कि श्रद्धा का लिव-इन पार्टनर आफ़ताब अपनी माशूका को उत्तराखंड में ही ठिकाने लगाने की फ़िराक में था। इसीलिए वो श्रद्धा को पहाड़ों पर घुमाने के बहाने मुंबई से उत्तराखंड ले गया था। हरिद्वार और ऋषिकेश में दोनों साथ-साथ घूमे भी थे। मगर, किसी वजह से वो अपने इस प्लान को अंतिम रूप नहीं दे पाया।

उत्तराखंड में हत्या का इरादा इसलिए बदला

जांच टीम के सामने आफ़ताब ने खुलासा किया कि उसकी मंंशा थी श्रद्धा को उत्तराखंड ले जाएं और वहीं उसका काम तमाम कर दे। श्रद्धा को पहाड़ों से धक्का देकर मार डालने की उसने साजिश रची थी। उसकी मौत की जांच भी होती तो जांच एजेंसियां इसे हादसा मानकर फाइलें बंद कर देती। लेकिन, फिर बाद में वो अपने इस विचार से पीछे हट गया। आफताब पूनावाला को लगा कि पहाड़ों से धक्का देकर मारने पर श्रद्धा की लाश मिल जाएगी। लाश मिलने पर संभव है कि पुलिस जांच करते उस तक न पहुंच जाए। लिहाजा श्रद्धा को पहाड़ी से धक्का देने का प्लान उसने त्याग दिया।

अंकिता भंडारी केस ने बिगाड़ा खेल

आफताब का शातिर दिमाग लगातार चलता रहा। फिर उसने दूसरा प्लान बनाया। वह सोचने लगा कि क्यों न श्रद्धा को उत्तराखंड के किसी तेज धारा वाली पहाड़ी नदी या गंगा में धक्का दे दिया जाए। ताकि, उसकी लाश आसानी से नहीं मिलेगी। जब तक किसी दूर-दराज वाले इलाके से लाश बरामद होगी तब तक आरोपी उत्तराखंड से फरार हो चुका होगा। इस प्लानिंग में आफताब की सोच थी कि, लाश को ठिकाने लगाने का झंझट नहीं रहेगा। श्रद्धा की हत्या में किसी हथियार का इस्तेमाल भी नहीं होगा और काम भी हो जाएगा। इसी बीच उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड सामने आया। जिसके बाद आफ़ताब की श्रद्धा को पानी में डुबोकर मारने की प्लानिंग पर पानी फिर गया। आखिरकार, वह लौटकर दिल्ली के महरौली आ गया।

आफ़ताब को इस मुसीबत का था अंदाजा

आफ़ताब भी वही सोच रहा था, जो आज उसके साथ हो रहा है। उसका मानना था कि महरौली में श्रद्धा की हत्या के बाद उसे कई हालातों से जूझना पड़ता। अगर, श्रद्धा को उत्तराखंड में ठिकाने लगा देता तो आज इतना बवाल नहीं मचता। हर हाल में श्रद्धा से पीछा छुड़ाने को आमादा आफताब ने गुस्से में महरौली वाले मक़ान में ही श्रद्धा को मार डाला। लेकिन, जब बात लाश ठिकाने लगाने की आई तो वही मुसीबतें सामने आ गई, जिसका उसने पहले ही अंदाजा लगाया था। उत्तराखंड की वादियों में कत्ल कर वो साफ बच सकता था।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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