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India Gaganyaan Mission में दिखेगी यूपी की ताकत, कौन हैं अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और अंगद प्रताप?

Gaganyaan Mission: पीएम मोदी ने प्रशांत बालाकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला के नाम के रूप में चार अंतरिक्ष यात्रियों की घोषणा की। ये लोग देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-'गगनयान' के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं।

Viren Singh
Published on: 28 Feb 2024 6:43 AM GMT
Gaganyaan Mission
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Gaganyaan Mission (सोशल मीडिया) 

Gaganyaan Mission: जब भारत का अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ कोई इतिहास रचेगा तो उसमें देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की भी भागीदारी होगी, क्योंकि जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को चनय किया गया है, उसमें दो उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) से देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-'गगनयान' के लिए चार अंतरिक्ष यात्री ने नामों की घोषणा की थी। उस समय से दो लोग यूपी है। इनके नामों की घोषणा पर पीएम मोदी ने कहा था कि यह चार नाम या चार इंसान नहीं हैं, बल्कि 140 करोड़ आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जाने वाली शाक्तियां हैं। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाले हैं। इस बार टाइम भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।

चार में दो लोग यूपी से

पीएम मोदी ने प्रशांत बालाकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला के नाम के रूप में चार अंतरिक्ष यात्रियों की घोषणा की। इसमें दो अंतरिक्ष यात्री अंगद प्रताप और शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश से हैं। यह चारों लोग देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-'गगनयान' के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। पीएम मोदी और इसरो चीफ़ एस सोमनाथ ने इन चारों की वर्दी पर सुनहरे पंखों की डिजाइन वाला बैज लगाया और कहा कि 'भारत का सम्मान' है।

अंगद प्रताप के पास है 2000 घंटे के उड़ान का अनुभव

रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक, अंगद प्रताप भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन हैं। वह एनडीए का छात्र रहे चुके हैं। अंगद ने 18 दिसंबर, 2004 को भारतीय वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया था। वह एक फ्लाइंग प्रशिक्षक और एक टेस्ट पायलट हैं, उनके पास करीब 2 हजार घंटों की उड़ान का अनुभव है। ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप सुखोई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एएन-32 जैसे विमानों को उड़ाने का अनुभव है। उनका जन्म 17 जुलाई, 1982 में यूपी के प्रयागराज (जो पहले इलाहाबाद था) जिले में हुआ था।

शुभांशु शुक्ला हैं फाइटर पायलट

यूपी के दो अतंरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी इंडियन एयरफोर्स में हैं। वह विंग कमांडर हैं। वह भी एनडीए के छात्र रहे हैं और उन्होंने 17 जून 2006 को भारतीय वायु सेना की ‘फाइटर स्ट्रीम’ में कमीशन प्राप्त किया था। शुभांशु के पास एक फाइटर कोम्बेट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं। उनके पास भी 2 हजार घंटें की उड़ान करने का अनुभव है। विंग कमांडर शुभांशु सुखोई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एएन-32 जैसे विमानों को हवा में उड़ाने का अनुभव है। उनका जन्म यूपी के लखनऊ जिले में साल 1985, 10 अक्टूबर को हुआ था।

कैसे चुने गए चार अंतरिक्ष यात्री?

गगनयान मिशन के लिए के चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों कड़ी कठिन परीक्षा से गुजरे हैं। इन अधिकारियों का मुश्किलों से भरा शारीरिक और मानसिक परीक्षण किया गया है। रूस में 13 महीने की कठिन ट्रेनिंग दी गई, जो कि उन्होंने भारत में जारी रखा है। इसरो ने व्योम-मित्र की एक झलक दिखाई। व्योम-मित्र एक संस्कृत का शब्द है। इसका अर्थ अंतरिक्ष का दोस्त है। यह एक रोबोट है। इसको इस साल अंतरिक्ष में भेजा जाना है। बता दें कि गगन यान मिशन अंतरिक्ष में भारत की पहली मानव उड़ान है, जिसको लेकर इसरो केंद्र पर काफ़ी तैयारी चल रही है।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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