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Kala Rana: कौन है गैंगस्टर काला राणा जिसके घर पड़ी एनआईए रेड, थाईलैंड से किया गया था गिरफ्तार
Kala Rana Nia Raid: एनआईए ने उत्तर भारत के टॉप गैंगस्टर्स में से एक काला राणा के यमुनानगर स्थित आवास पर भी छापेमारी की है। जिसके बाद से ये कुख्यात गैंगस्टर फिर से सुर्खियों में है।
Kala Rana Nia Raid: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शामिल शूटर्स के आतंकियों के साथ लिंक सामने आने पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए हरकत में आ गई है। सोमवार को जांच एजेंसी ने देशभर में 50 ठिकानों पर छापे मारे हैं। एनआईए के रडार पर उत्तर भारत के टॉप गैंगस्टर हैं। इन गैंगस्टरों का कनेक्शन खालिस्तानी आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से सामने आया है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर के आसपास स्थित कई गैंगस्टरों से जुड़े ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी जारी है।
एनआईए ने उत्तर भारत के टॉप गैंगस्टर्स में से एक काला राणा के यमुनानगर स्थित आवास पर भी छापेमारी की है। जिसके बाद से ये कुख्यात गैंगस्टर फिर से सुर्खियों में है। काला राणा को इसी साल की शुरूआत में थाइलैंड से गिरफ्तार किया गया था। राणा कुछ साल पहले देश से भागकर थाइलैंड चला गया था। फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है। बताया जाता है कि राणा थाइलैंड से ही काला जठेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई जैसे कुख्यात गैंगस्टरों के साथ सिंडिकेट चला रहा था। आइए एक नजर काला राणा की स्टोरी पर डालते हैं।
2013 में रखा था अपराधी की दुनिया में कदम
काला राणा का असली नाम वीरेंद्र प्रताप है। साल 2013 में उसने पहली बार अपराध की दुनिया में दस्तक दी थी। उसके ऊपर सबसे पहले गाड़ी लूटने व छिनौती का आरोप लगा था। जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का खासमखास माने जाने वाले संपत नेहरा से हुई थी। ये वही नेहरा जिसे लॉरेंस बिश्नोई ने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को जान से मारने की जिम्मेदारी दी थी। लेकिन वह पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ गया। जेल से निकलने के बाद राणा ने बिश्नोई गैंग और काला जठेड़ी के साथ मिलकर कई अपराधों को अंजाम दिया।
भारत छोड़कर थाइलैंड में शरण ली
कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी के संपर्क में आने के बाद काला राणा ने एक से बढ़कर एक वारदातों को अंजाम दिया। साल 2017 में पहली बार तब वह सुर्खियों में आया था, जब उसने संपत नेहरा के साथ मिलकर पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के भाई राजा पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी। साल 2019 में एक मामले में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था और पुलिस ने उस पर 1 लाख रूपये का इनाम भी घोषित कर दिया था। मगर फिर भी पुलिस उसे दबोच नहीं पाई। फर्जी पासपोर्ट के सहारे काला राणा थाइलैंड भागने में सफल रहा।
थाइलैंड में वह नाम बदलकर रहने लगा और वहीं से सिंडिकेट को ऑपरेट करने लगा। उसने वहीं से दिल्ली के जीटीबी अस्पताल से कुख्यात गैंगस्टर कुलदीप उर्फ फज्जा को पुलिस हिरासत से फरार करवाया था। साल 2020 में बैंकॉक से एक अन्य गैंगस्टर राजू बसौदी की गिरफ्तारी के बाद काला राणा भी हरियाणा पुलिस और एसटीएफ के रडार पर आ गया था। उसके ऊपर उसी साल फर्जी पासपोर्ट के मुकदमे के साथ रेड कॉनर्र नोटिस भी जारी किया गया था। आखिरकार दो साल बाद यानी 2022 में वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
कई राज्यों में था वांछित
विदेश में बैठकर पूरे सिंडिकेट को चलाने वाले राणा के ऊपर हरियाणा में 30 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसके गृह नगर यमुनानगर में ही उसके ऊपर 19 मुकदमे कायम हैं। पुलिस के अनुसार, हरियाणा में दर्ज मुकदमों में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी, रंगदारी, धोखाधड़ी जैसे संगीन जुर्म शामिल हैं। काला राणा अपने अपराधों के लिए न केवल हरियाणा बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ में भी वांछित था।