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सिद्धू के पाक दौरे पर पंजाब की सियासत गरमाई
दुर्गेश पार्थसारथी
अमृतसर : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने गए पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों विवादों में फंस गए हैं। पाकिस्तान जाकर वे विरोधियों के ही नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर भी आ गए हैं। लोगों को सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर आपत्ति नहीं है मगर पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से उनके गले मिलने के बाद पंजाब की सियासत गरमाई हुई है। यहां तक कि शहीद सैनिकों के परिजनों ने भी सिद्ध के प्रति खासी नाराजगी जताई है।
कुछ साल पहले पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने नवजोत सिंह सिद्धू से पूछा कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल होने से ज्यादा जरूरी दुश्मन देश के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में जाना था दलबीर ने सवाल किया कि भाजपा में सांसद रहते हुए कई बार सिद्धू कह चुके हैं वह अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर ही राजनीति में आए। यहां तक कि वाजपेयी को अपना पितातुल्य बताने वाले अवसरवादी सिद्धू ने उन्हें श्रद्धांजलि देना तक जरूरी नहीं समझा और भारतीय सैनिकों के हत्यारे कमर बाजवा से गलबहियां करने लगे।
इसी तरह तरनतारन के एक शहीद परिवार की पत्नी ने कहा कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर में सरहद पर तैनात उसके पति का सिर पाकिस्तानी सैनिकों ने काट लिया था। उस समय भी कमर बाजवा ही पाक सेना प्रमुख थे। क्या नवजोत सिंह सिद्धू हमारे शहीद पति का सिर पाकिस्तान से लाएंगे शहीद सैनिक के परिजनों ने कहा कि सिद्धू को देशहित व शहीदों के सम्मान से ज्यादा प्रिय पाकिस्तान है। यही नहीं पंजाब के तमाम शहीद सैनिकों के परिजनों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सिद्धू के बाजवा से गले मिलने पर आपत्ति जताई और उनकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यदि सिद्धू बाजवा के इतने ही करीबी हैं तो शहीद सैनिकों के सिर ही मांग लाते।
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भाजपा व अकाली नेताओं ने कोसा
नवजोत सिंह सिद्धू के पाक सेना प्रमुख के गले मिलने और गुलाम कश्मीर के राष्ट्रपति के बगल में बैठने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राज्य सभा सांसद श्वेत मलिक ने कहा कि सिद्धू ने देश को कलंकित किया है। वे पाक सेना प्रमुख से गले मिलकर दुनिया को क्या संदेश देना चाहते हैं?
क्या वे यह संदेश देना चाहते हैं कि जो आइर्एसआई व पाक समर्थित आतंकी जो कर रहे हैं वह सही है। सिद्धू की इस करतूत पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसी तरह अकाली दल की सांसद व केंद्रीय मंत्री हरसीमरत कौर बादल ने भी सिद्धू की आलोचना करते हुए कहा कि अगर सिद्धू को पाकिस्तान इतना ही प्यारा लग रहा है तो वह वहीं बस जाएं। उन्हें यहां रहने की जरुरत नहीं है। इसी तरह कांग्रेस के एक मंत्री सहित कई नेताओं ने भी सिद्धू की कड़ी आलोचना की है।
सिद्धू के बचाव में उतरे प्रदेश अध्यक्ष
पार्टी के अंदर और बाहर हमला झेल रहे निकाय मंत्री सिद्धू के बचाव में आए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद सुनील जाखड़ ने कहा कि सिद्धू ने कोई गलत काम नहीं किया है। पूर्व प्रधानमंत्री अलट बिहारी वाजपेयी भी बस लेकर लाहौर गए थे। यहां तक कि कारगिल हमले के लिए जिम्मेदार तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ (जो बाद में राष्ट्रपति बने) को भारत बुलाकर ताजमह दिखाया था। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बिना बुलाए पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी की शादी में उनके घर गए थे। उनसे सवाल किया जाना चाहिए। भाजपा दोगली नीति अपनाते हुए बिना वजह इस मामले को तूल दे रही है।
कैप्टन बोले-सिद्धू ने गलत किया
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जो हुआ वह बहुत गलत हुआ। पाक सेना प्रमुख से गले मिलने के प्रकरण को टाला जा सकता था। सिद्धू को दिखावा नहीं करना चाहिए। इससे कही न कहीं देश व शहीद सैनिकों के परिजनों व सैनिकों की भावना को ठेस पहुंची है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जवानों के सीमा पर शहीद होने के पीछे पाक सेना प्रमुख बाजवा जिम्मेदार हैं। सरहद पर हर दिन सैनिक शहीद हो रहे हैं। यह हुक्म देने वाला सेना प्रमुख बाजवा ही हैं। सैनिक तो सेना प्रमुख के हुक्म का पालन करता है। सिद्धू को इससे बचना चाहिए था।
सिद्धू ने दी सफाई
पाक से लौटे नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी सफाई में कहा कि उनके कदम से नफरत की आग ठंडी होगी। उन्होंने कहा कि पाक सेना प्रमुख बाजवा ने करतारपुर साहिब स्थित श्री गुरुद्वारा साहिब के दर्शन के लिए रास्ता खोलने का आश्वासन दिया था। उल्लेखनीय है कि देश विभाजन के बाद श्री ननकाना साहिब सहित गई गुरुघर पाकिस्तान के हिस्से में आए थे, जिनके दर्शनों के लिए सिख संगत अक्सर पाकिस्तान जाती रहती है। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब भी उन्हीं में से एक है, जिसके दर्शनों के लिए पिछले 40 सालों पाकिस्तान से रास्ता देने की मांग की जा रही है। सिद्धू ने कहा कि पाक सेना प्रमुख का कहना है कि श्री गुुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर कॉरिडोर खोलना अच्छा संकेत है। पाक अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति मसूद खान के बगल में बैठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें प्रोटोकॉल के तहत पिछली सीट से आगे लाया गया था, जहां कुछ क्रिकेटर बैठे हुए थे। हमें नहीं पता था कि यहां मसूद भी उनके बगल वाली सीट पर बैठे हैं। सिद्धू ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत-पाक के बीच कारोबार व आपसी भाईचारा बढ़ेगा। दूसरी ओर जानकार कहते हैं कि सिद्धू को यह समझना चाहिए कि करतारपुर कॉरीडोर दोनों देशों की सरकारों के बीच का मामला है। इसे न तो पाक सेना प्रमुख खोल सकते है और ना ही सिद्धू।