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Single Use Plastic Ban: क्या होती है सिंगल यूज प्लास्टिक, क्यों है यह इतना खतरनाक? जानिए जरूरी बातें

Single Use Plastic Ban: पर्यावरण के लिए नासूर साबित हो रहे प्लास्टिक के कचरे पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। आज शुक्रवार 1 जुलाई से केंद्र सरकार ने देश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन कर दिया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 1 July 2022 8:24 AM GMT
Single Use Plastic Ban in India
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Single Use Plastic Ban in India (image credit social media)

Single Use Plastic Ban: पर्यावरण के लिए नासूर साबित हो रहे प्लास्टिक के कचरे पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। आज यानि शुक्रवार 1 जुलाई से केंद्र सरकार ने देश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन कर दिया है। सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 चीजों पर रोक लगाई है। आज से इन चीजों के बनाने, बेचने, स्टोर करने और निर्यात करने पर प्रतिबंध लग गया है। बैन किए गए प्रोडक्ट को बनाने या बेचने पर पर्यावरण एक्ट की धारा 15 के तहत 7 साल की जेल और 1 लाख रूपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

क्या होता है सिंगल यूज प्लास्टिक

सिंगल यूज प्लास्टिक, यानि प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें जिसका हम केवल एक बार ही इस्तेमाल करते हैं। एक बार इस्तेमाल हो जाने के बाद हम इसे फेंक देते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन किए गए प्रोडोक्टों में ये सब प्रोडक्ट शामिल हैं - प्लास्टिक की छड़ियों के साथ ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, प्लास्टिक के कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, मिठाई बक्से, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के चारों और ट्रे, रैपिंग या पैकिंग फिल्म 100 माइक्रोन से कम, स्टिरर इत्यादि। आगे इसमें और सामान जोड़े जाएंगे।

प्लास्टिक पर रोक क्यों जरूरी

एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रदुषण फैलाने में सिंगल यूज प्लास्टिक का सबसे बड़ा रोल है। देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 3 लाख से अधिक सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा जेनरेट हुआ था। सिंगल यूज प्लास्टिक से बने प्रोडक्टों को न तो डी-कंपोज किया जा सकता है और न ही जलाया जा सकता है। क्योंकि इसके जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है, जो इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक होते हैं। इसके अलावा, सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा बारिश के पानी को जमीन के अंदर जाने से रोकता है, जिससे ग्राउंड वाटर के लेवल में कमी आती है। हाल के दिनों गर्मी के मौसम अधिकतक जगहों पर हैंडपैंप सूखने की खबरें आती रहती हैं।

सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के बारे में भी बताया है। जैसे – प्लास्टिक के स्ट्रा की जगह पेपर स्ट्रा, इसी तरह बांस से बनी ईयर बर्ड्स स्टीक, बांस से बनी आइस्क्रीम स्टीक, प्लास्टिक कप की बजाय कुल्हड़ कप, प्लास्टिक बैग की बजाय कॉटन बैग, कागज और कपड़े से बने झंडे, परंपरागत मिट्टी के बर्तन आदि का इस्तेमाल सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह ले सकता है। बता दें कि भारत से काफी पहले कुछ देश अपने यहां सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। इनमें दक्षिण कोरिया, ताइवान और बांग्लादेश शामिल है। इसके अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, केन्या, फ्रांस और न्यूजीलैंड में भी कुछ शर्तों के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है।

Prashant Dixit

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