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SLBC Tunnel Accident: 7 दिन बाद भी नहीं मिली सफलता, टनल हादसे में फंसे 8 मजदूरों के बचने की संभावना अब क्षीण
SLBC Tunnel Accident: तेलंगाना के नागरकुर्नूल में 22 फरवरी को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल का एक हिस्सा ढह गया था। जिससे वहां काम कर रहे 8 मजदूर मलबे में फंस गए। लेकिन सात दिन निकल जाने के बाद भी इन मजदूरों को अभी निकाला नहीं जा सका है।
Picture of Telangana tunnel accident
SLBC Tunnel Accident: तेलंगाना के नागरकुर्नूल में 22 फरवरी को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल का एक हिस्सा ढह गया था। जिससे वहां काम कर रहे 8 मजदूर मलबे में फंस गए। लेकिन सात दिन निकल जाने के बाद भी इन मजदूरों को अभी निकाला नहीं जा सका है। हादसे के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन में कई सरकारी एजेंसियां और टीमें जुटी हुई हैं, लेकिन मलबे और पानी के कारण रेस्क्यू में काफी कठिनाइयाँ आ रही हैं।
600 से अधिक लोग ऑपरेशन में लगे
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कुल 600 से अधिक लोग जुटे हुए हैं। इसमें सेना, एनडीआरएफ , एसडीआरएफ और तेलंगाना सरकार की अन्य एजेंसियों के कर्मचारी शामिल हैं। सभी की कोशिश है कि मलबे में फंसे मजदूरों जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए। इसके अलावा, साउथ सेंट्रल रेलवे की 2 टीमों को भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल किया गया है। ये टीमें आधुनिक उपकरणों जैसे प्लाज्मा कटर और ब्रॉक कटिंग मशीन से मलबे को काटकर रास्ता बना रही हैं। मौके पर नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक भी मौके पर मौजूद हैं जो ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग कर रहे हैं, ताकि मलबे के नीचे दबे मजदूरों का पता लगाया जा सके।
लेकिन रेस्क्यू टीम के प्रयासों के बावजूद टनल में फंसे मजदूरों के जीवित मिलने की संभावना बहुत कम मानी जा रही है। दरअसल, रेस्क्यू ऑपरेशन में कई समस्याएं आ रही हैं। जैसे मलबे में पानी का भराव जो काम को और धीमा कर रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में तीन प्रमुख चुनौतियाँ सामने आ रही हैं:
1. टनल की लंबाई : टनल की कुल लंबाई 13 किलोमीटर है, जिसमें से रेस्क्यू टीम ने अब तक 11 किलोमीटर की दूरी को तय किया है। बाकी दो किलोमीटर तक पहुंचने के लिए कन्वेयर बेल्ट का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन यह काम बहुत ही धीमा हो रहा है।
2. मजदूरों की लोकेशन न मिलना: जब रेस्क्यू टीम ने सुरंग में प्रवेश किया और मजदूरों को उनके नाम से पुकारा, तो कोई जवाब नहीं मिला। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि मजदूर कहां फंसे हैं।
3. पानी का भराव: सुरंग के अंदर मलबे के साथ-साथ पानी भी भरा हुआ है, जिससे मलबा हटाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा। जब तक पानी को पूरी तरह बाहर नहीं निकाला जाता, मलबा साफ करने का काम नहीं हो सकता।
तेलंगाना सरकार की पूरी कोशिश की है कि इस संकट से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाये। इसके लिए राज्य सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही, उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे लोगों को निकालने वाली टीम भी इस ऑपरेशन में मदद कर रही है।