×

LAC : भारत-चीन सीमा से पीछे हटे सैनिक, दिवाली तक बहाल होगी गश्ती प्रक्रिया

LAC : भारत और चीन के सैनिकों के देपांग और डेमचोक से पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है।

Network
Newstrack Network
Published on: 29 Oct 2024 6:59 PM IST (Updated on: 29 Oct 2024 7:12 PM IST)
LAC : भारत-चीन सीमा से पीछे हटे सैनिक, दिवाली तक बहाल होगी गश्ती प्रक्रिया
X

LAC : भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हुए समझौते के बाद सैनिकों ने चरणबद्ध तरीके से हटना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही अस्थायी निर्माण को भी हटाया जा रहा है। हालांकि सूत्रों की मानें तो देपांग और डेमचोक से दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। अब माना जा रहा है कि दीवाली तक विवाद से पहले वाली स्थितियां यानी गश्ती की प्रक्रिया पूरी तरह से बहाल हो जाएगी। बता दें कि बीते सप्ताह दोनों देशों एक सीमा पर चल रहे विवाद को लेकर समझौता किया था। इसके बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहा सैन्य और कूटनीतिक तनाव लगभग समाप्त हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, भारत-चीन की सेनाओं ने देपांग और डेमचोक, दोनों क्षेत्रों से समझौते की शर्तो के अनुसार पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। अब दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त रूप से इसकी पुष्टि कभी भी कर सकती है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच आगे विश्वास पर आधार पर काम किया जाएगा। इन क्षेत्रों में गश्ती प्रक्रिया की शुरूआत के बाद गलवान क्षेत्र को लेकर भी चर्चा होगी, यहां भी आने वाले समय में गश्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी तक इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।

विदेश मंत्री ने सेना को दिया श्रेय

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-चीन सीमा (LAC) पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लेकर भारतीय सेना को श्रेय दिया था। पुणे में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि यदि अगर आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं, तो इसका बड़ा हमारी सेना हैं। इसके साथ ही हम अपनी जमीन पर अड़े रहे और अपनी बात को दृढ़ता के साथ रखने प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में (एलएसी पर) अपना काम किया और कुशल कूटनीति दिखाई।

इंफ्रास्ट्रक्चर को किया मजबूत

विदेश मंत्री ने LAC विवाद पर बात करते हुए कहा कि समस्या का एक हिस्सा यह था कि पिछले वर्षों में सीमा अवसंरचना वास्तव में उपेक्षित थी। उन्होंने कहा कि आज हम एक दशक पहले की तुलना में सालाना पांच गुना अधिक संसाधन लगाते हैं, जो सेना को वास्तव में प्रभावी रूप से तैनात करने में सक्षम बना रहा है। इन वजहों ने आज यहां तक पहुंचाया है।

झड़प के बाद बढ़ गया था तनाव

गौरतलब है कि मई 2020 में पैंगोंग झील क्षेत्र में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद जून में गलवान में झड़प हुई थी। इस दौरान करीब 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन सैनिक भी मारे गए थे। हालांकि चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर को स्वीकार करने से मना कर दिया था। इस सैन्य झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।

सीमा पर बढ़ाई थी सैन्य उपस्थिति

गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों ने वास्तविक अंतरराष्ट्रीय सीमा (LAC) पर सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी थी। पिछले साल अगस्त में यह बताया गया था कि दिल्ली ने पूर्वी लद्दाख में लगभग 70,000 सैनिकों, 90 से अधिक टैंकों और सैकड़ों पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को हवाई मार्ग से भेजा था। इसके साथ ही इस क्षेत्र में सुखोई और जगुआर लड़ाकू जेट विमानों को भी तैनात किया था।

सेना ने पहले कहा था कि बीजिंग ने भी पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर, यहां तक कि (भारत की) पूर्वी कमान तक काफी संख्या में सैनिकों को तैनात किया था।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

Next Story