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केली बंगला है खासः लालू के मुरीद सब कहीं से आते हैं, मिल तीन ही पाते हैं
झारखंड के रामगढ़ ज़िला के रहने वाले राजेश यादव पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। पार्टी कार्यालय में इन्हे कम ही देखा जाता है लेकिन लालू के दरबार में हाज़िरी लगाने ज़रूर पहुंच जाते हैं।
रांची: राजनीति में लालू प्रसाद यादव अपनी अंदाज़_ए _बयां के लिए जाने जाते हैं। लालू के चाहने वाले सिर्फ बिहार-झारखंड ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी हैं। हालांकि, चारा घोटाले में सज़ायाफ्ता होने के बाद लालू का दर्शन दुर्लभ हो गया है। बावजूद इसके राजद अध्यक्ष की एक झलक पाने के लिए लोग रांची के रिम्स स्थित केली बंगला पहुंचते हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के मुरीदों का आलम ये है कि, घंटों का सफर तय करने के बाद भी जब राजद अध्यक्ष से मुलाकात नहीं हो पाती है तो फिर आने की बात कहकर चले जाते हैं।
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रामगढ़ से रांची पहुंचे लालू के मुरीद
झारखंड के रामगढ़ ज़िला के रहने वाले राजेश यादव पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। पार्टी कार्यालय में इन्हे कम ही देखा जाता है लेकिन लालू के दरबार में हाज़िरी लगाने ज़रूर पहुंच जाते हैं। कहते हैं कि, साल 2009 में लालू प्रसाद उनके रामगढ़ स्थित घर पर रूके थे। पार्टी सुप्रीमो उन्हे नाम से जानते हैं। लिहाज़ा, वे अपनी साथी के साथ लालू से मिलने रांची पहुंचे हैं।
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हालांकि, जेल प्रशासन से मुलाकात की अनुमति नहीं मिली है लेकिन उन्हे उम्मीद है कि, वे लालू से मिलकर जाएंगे। राजेश यादव के साथ ही रामगढ़ से पार्टी के प्रदेश सचिव बदरी विश्वकर्मा भी पहुंचे हैं। कहते हैं कि, लालू प्रसाद यादव उन्हे नाम से पुकारते हैं। रजरप्पा मंदिर का प्रसाद उन्होने अपने हाथों से दिया था। मुलाकात की आस लेकर मीलों का सफर तय कर रांची पहुंचे हैं।
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उसना लाल चावल और रूक्का डैम की मछली
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद खाने के शौकीन हैं। लिहाज़ा, लालू के चाहने वाले उनके पसंद के मुताबिक उन्हे चीजें भेंट करते हैं। रामगढ़ से रांची पहुंचे बदरी विश्वकर्मा कहते हैं कि, लालू को उसना लाल चावल बेहद पसंद है। रांची प्रवास के दौरान एक बार उन्होने इसकी फरमाइश कर दी थी। इसके बाद तत्कालीन पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने उन्हे और राजेश यादव को फोनकर उसना लाल चावल इंतज़ाम करने को कहा था। इतना नहीं रूक्का डैम की जिंदा मछली भी लालू को भेंट की गई है। बदरी विश्वकर्मा कहते हैं कि, लालू प्रसाद का प्यार उन लोगों को खींच लाता है। कई बार रांची आने के बाद भी पार्टी सुप्रीमो से मुलाकात नहीं हुई लेकिन उम्मीद टूटी नहीं है।
तीन लोगों को मुलाकात की इजाजत
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जेल मैनुअल के मुताबिक लालू प्रसाद यादव से प्रत्येक शनिवार को मात्र तीन लोग मुलाकात कर सकते हैं। इसके लिए बाजाप्ते जेल अधीक्षक से इजाजत लेनी पड़ती है। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण मुलाकात पर रोक लगा दी गई थी। इस बीच बिहार चुनाव को लेकर लालू से मुलाकात करने वालों की संख्या बढ़ने लगी और एकबार फिर से शनिवार को मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया। बिहार से पहुंचने वाले नेताओं के बीच झारखंड के पार्टी पदाधिकारी लालू तक नहीं पहुंच पाते हैं। रामगढ़ के राजेश यादव और बदरी विश्वकर्मा उन्ही लोगों में शामिल हैं। हालांकि, मुलाकात नहीं होने के बावजूद पार्टी नेता प्रत्येक शनिवार को केली बंगला ज़रूर पहुंच जाते हैं।
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लालू प्रसाद की ज़मानत पर सुनवाई
लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने शनिवार को राजद अध्यक्ष से मुलाकात की। केली बंगला में हुई इस मुलाकात के बारे में लालू के वकील ने मीडिया से कोई बात नहीं की। हालांकि, माना जा रहा है कि, 6 नवंबर को ज़मानत याचिका पर होने वाली सुनवाई के सिलसिले में दोनों के बीच बात हुई है। चाईबासा ट्रेजरी मामले में ज़मानत मिलने के बाद दुमका कोषागार केस में अगर लालू को बेल मिल जाता है तो राजद सुप्रीमो जेल से बाहर निकल सकेंगे।
शाहनवाज़
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