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सोनिया गांधी नहीं होंगी स्टार प्रचारक, राहुल ही थामेंगे सभी राज्यों में प्रचार की कमान

aman
By aman
Published on: 19 Jan 2017 8:49 PM IST
सोनिया गांधी नहीं होंगी स्टार प्रचारक, राहुल ही थामेंगे सभी राज्यों में प्रचार की कमान
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नई दिल्ली ब्यूरो: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार कांग्रेस की स्टार प्रचारक नहीं होंगी। दो दशक से पार्टी अध्यक्ष रहते हुए पहली बार ऐसा हुआ है कि देश की राजनीति की भावी दिशा तय करने वाले पंजाब, यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभाओं के अहम चुनाव प्रचार से सोनिया गांधी दूरी बनाए रखेंगी।

कांग्रेस की चुनाव रणनीति संभाल रहे एक वरिष्ठ का नेता का मानना है कि अब राहुल गांधी ही पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका में हैं, क्योंकि सोनिया गांधी अपने गिरते स्वास्थ की वजहों और डॉक्टरों की सलाह पर चुनाव प्रचार का बोझ ढोने की स्थिति में नहीं हैं।

सोनिया का गिरता स्वास्थ्य बड़ी वजह

सोनिया के चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के कार्यक्रम पर कांग्रेस आलाकमान ने आधिकारिक चुप्पी साध रखी है। लेकिन 10 जनपथ के निकट सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि स्वास्थ्य खराब होने की वजह से इस बार सोनिया गांधी पंजाब, यूपी, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में पार्टी चुनाव प्रचार नहीं करेंगी। उनकी जगह अब राहुल गांधी ही चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे।

राहुल का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में

कांग्रेस ने इस बात की भी पुष्टि कर दी है कि पंजाब में आरंभ हो चुकी चुनावी रैलियों में सोनिया का कार्यक्रम नहीं रखा गया है। ज्ञात रहे कि कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने पार्टी की ओर से 17 जनवरी को पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जो पत्र लिखा है उसमें सोनिया गांधी और राहुल का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है। लेकिन कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि चूंकि सोनिया अभी पार्टी अध्यक्ष पद पर आसीन हैं, ऐसी दशा में उनका नाम निमित के तौर पर आयोग व राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजा जाना रूटीन प्रकिया का हिस्सा है।

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राजनीतिक झंझटों से दूर रहने का फैसला

इस बार चुनाव प्रचार से दूर रहने की सोनिया गांधी की अनिच्छा के बारे में पूछे जाने पर उनके बहुत ही विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि कई महीने पहले सोनिया ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बताया था कि सत्तर साल की उम्र पूरी करने के बाद वे राजनीति में सक्रिय नहीं रहना चाहतीं। ऐसी दशा में सोनिया ने पार्टी के सारे दायित्वों और राजनीतिक झंझटों से दूर रहने का फैसला लिया है।

सोनिया ने पहले ही दिया इशारा

बता दें कि 11 नवंबर को नोटबंदी के विरोध में दिल्ली के तालकटारा स्टेडियम में आयोजित जन वेदना रैली से भी सोनिया ने किनारा किया। माना जा रहा है कि सोनिया ने पार्टी के सभी दिग्गजों को यह संदेश पहले ही दे दिया है कि राहुल ही अब पार्टी के कर्ता-धर्ता हैं। साथ ही पार्टी की जो भी लाईन और दिशा तय होनी है उसकी बाबत वे खुद नहीं बल्कि राहुल गांधी ही फैसला करेंगे।

सबसे ज्यादा चिंता यूपी के कांग्रेसियों को

विधानसभाओं के चुनाव प्रचार से दूर रहने के सोनिया गांधी के इस कदम से पंजाब के बाद सबसे ज्यादा चिंता यूपी के कांग्रेसियों को है। पार्टी के राजनीतिक मामलों की कोर कमेटी के एक वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक हाल में सोनिया ने जब चुनाव प्रचार से दूर रहने की इच्छा जताई थी तो उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल व कुछ दूसरे करीबी नेताओं ने उन्हें यह समझाने की कोशिश की है कि जब तक वे पार्टी अध्यक्ष पद पर हैं तब तक पार्टीजनों का मनोबल बढ़ाए रखने के लिए प्रतीकात्मक तौर पर ही सही, उन्हें कुछ चुनावी रैलियों में शिरकत की कोशिश करनी चाहिए।

रणनीतिकार की सोच कुछ और ही

सपा से गठबंधन की कसरत पूरी होने के बाद कांग्रेस के कुछ रणनीतिकार इस कोशिश में लगे हैं कि मौसम ठीक होने के बाद यूपी में कम से कम एक ऐसी बड़ी रैली में सोनिया गांधी भाग लें तथा मोदी सरकार की नीतियों पर हमला बोलें। इससे सपा के साथ गठबंधन के पक्ष में मतदाताओं को वोट डालने की अपील करने से नया माहौल खड़ा करने में मदद मिलेगी।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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