×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

तमिलनाडु में सियासी उठापटक तेज, करुणानिधि के इस बेटे ने लिया बड़ा फैसला

पश्चिम बंगाल के साथ ही सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी सियासी दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

Monika
Published on: 25 Dec 2020 9:54 AM IST
तमिलनाडु में सियासी उठापटक तेज, करुणानिधि के इस बेटे ने लिया बड़ा फैसला
X
तमिलनाडु में सियासी उठापटक तेज, करुणानिधि के बेटे अलागिरी ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के साथ ही सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी सियासी दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सुपरस्टार रजनीकांत ने खुद तमिलनाडु विधानसभा चुनाव लड़ने और राजनीतिक पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं।

उधर चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के परिवार में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। उनके बड़े बेटे और डीएमके के पूर्व प्रमुख एमके अलागिरी एक बार फिर अपनी सियासी वापसी को लेकर सक्रिय हो गए हैं। डीएमके की कमान इस समय करुणानिधि के दूसरे बेटे एम के स्टालिन के हाथों में है और स्टालिन से विवादों के चलते अलागिरी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

नई पार्टी बनाने की तैयारी में अलागिरी

डीएमके से निष्कासित किए जाने से नाराज चल रहे अलागिरी ने साफ तौर पर एलान किया है कि मैं किसी भी सूरत में डीएमके का समर्थन नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि अगर मेरे समर्थक चाहते हैं कि मैं चुनाव से पहले नई पार्टी लांच करूं तो मैं निश्चित तौर पर ऐसा करूंगा।

उन्होंने साफ किया कि डीएमके की ओर से उन्हें दोबारा पार्टी ज्वाइन करने का कोई आमंत्रण नहीं मिला है। अलागिरी ने गोपालपुर निवास में इलाज करा रही अपनी मां दयालु अम्माल से मुलाकात के बाद कहा कि वे 3 जनवरी को नई पार्टी के संबंध में अपने समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद नई राजनीतिक पार्टी बनाने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

स्टर्लिंग से विवाद के बाद निकाले गए थे अलागिरी

पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि ने करीब 50 साल तक द्रमुक पार्टी की कमान संभाली थी और पार्टी की पूरी ताकत उनके हाथों में होने के बावजूद अलागिरी को पार्टी से निकाल दिया गया था। अलागिरी की पार्टी से बर्खास्तगी घोषणा के समय करुणानिधि ने साफ तौर पर कहा था कि अपनी पार्टी ने उनके लिए कोई जगह नहीं है।

बर्खास्तगी के समय अलागिरी दक्षिण संगठनात्मक सचिव के तौर पर काम कर रहे थे। उनकी बर्खास्तगी के पीछे उनके करुणानिधि के दूसरे बेटे एम के स्टालिन से विवाद को कारण बताया गया था।

ये भी पढ़ें…राजनाथ सिंह का एलान: किसानों के नाम अटल जयंती, दिल्ली में होगा ऐसा कार्यक्रम

स्टालिन को सबक सिखाने में जुटे अलागिरी

डीएमके से निकाले जाने से पहले अलागिरी को पार्टी का बड़ा चेहरा माना जाता था। पार्टी में उनकी जबर्दस्त पकड़ मानी जाती थी और चुनावी गठबंधन से लेकर प्रचार तक के पार्टी के फैसलों में वे असरदार साबित होते थे मगर पार्टी में उनके छोटे भाई स्टालिन के बढ़ते कद के बाद लगातार उनका असर कम होता गया।

आखिरकार उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब अलागिरी अपने उस अपमान का बदला लेने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वे स्टालिन को सबक सिखाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने किसी भी सूरत में डीएमके का समर्थन न करने का एलान कर दिया है।

ये भी पढ़ें…किसानों को आज तोहफा देंगे PM मोदी, खातों में भेजेंगे 18 हजार करोड़ रुपए

अलागिरी को साथ लाने में भाजपा नाकाम

भारतीय जनता पार्टी भी तमिलनाडु में अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने की कोशिश में जुटी हुई है। सियासी जानकारों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की ओर से अलागिरी को अपनी और लाने के काफी कोशिश की गई मगर अभी तक इस मामले में बात नहीं बन सकी है

अलागिरी सुपरस्टार रजनीकांत से मुलाकात की कोशिश में भी जुटे हुए हैं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि रजनीकांत इस समय एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में हैदराबाद में है और उनके हैदराबाद से लौटने के बाद उनसे मुलाकात करूंगा।

ये भी पढ़ें : Weather Alert: इन राज्यों में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, टूट सकता है कई सालों का रिकाॅर्ड

रजनीकांत भी तलाश रहे चुनावी संभावनाएं

उधर सुपरस्टार रजनीकांत राज्य की चुनावी राजनीति में उतरने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उनके नजदीकी सूत्रों का कहना है कि रजनीकांत भी अगले साल जनवरी में राजनीतिक दल बनाकर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। उन्होंने इस बाबत अपने करीबी लोगों से विचार-विमर्श भी किया है।

उन्होंने अपने समर्थकों से तब तक धैर्य रखने को कहा है जब तक वे इस मुद्दे पर कोई अंतिम फैसला नहीं ले लेते। रजनीकांत के करीबी प्रतिनिधियों का कहना है कि अगर वे समय से राजनीतिक सफर की शुरुआत करें तो उनके लिए भी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अच्छी संभावनाएं बन सकती हैं।

अंशुमान तिवारी



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story