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मोदी सरकार का बड़ा ऐलान: सालों सस्ता रहेगा सरसों का तेल, सरकार ने खाने के तेलों के लिए की तैयारी
केंद्र सरकार ने दो साल के लिए 20 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस समाप्त करने का ऐलान किया है
Mustard oil: लगातार बढ़ रही महंगाई देश में इन दिनों सबसे ब़ड़ी चुनौती है। इस विकराल महंगाई (Inflation In India) के कारण निम्न आय वर्ग के लोग हलकान हैं। खाने – पीने से लेकर तमाम चीजों की कीमतों में आग लगी हुई है। आंटे से लेकर खाने के तेल तक सभी चीजें महंगी हो चुकी हैं। फल, हरी सब्जी और दाल की तो बात ही करना बेमानी है। ऐसे में सरकार गांड़ी में ईंधन के रूप में प्रयोग होने वाले तेल (पेट्रोल – डीजल) की कीमतों में कटौती करने के बाद अब लोगों को खाद्य तेल के कीमतों में राहत देने जा रही है।
मंगलवार को सरकार ने इसे लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। केंद्र सरकार (Central Government)ने दो साल के लिए 20 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल (Soybean and sunflower oil) के आयात पर कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस समाप्त करने का ऐलान किया है। इससे खाने का तेल सस्ता होने की उम्मीद है। यह छूट 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी।
सरकार का बड़ा निर्णय
केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि क्रूड सोयाबीन तेल और क्रूड सूरजमुखी के तेल (Soybean and sunflower oil) के दो वित्तीय वर्ष ( 2022-23 और 2023-2024) के लिए प्रति साल 20 लाख मीट्रिक टन का आयात ड्यूटी मुफ्त किया गया है। केंद्र ने कहा कि सीमा शुल्क और कृषि बुनियादी शुल्क और डेवलपमेंट सेस को समाप्त किया गया है। अब इन टैक्सों को दिए बिना खाद्य तेल के आयात की इजाजत होगी।
रिकॉर्ड स्तर पर खाद्य तेल के दाम
खाद्य तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल ने निम्न आय वर्ग के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी। खाद्य तेल जैसी जरूरी किचन सामग्री के बिना भोजन की कल्पना मुश्किल है। तेल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे चुके थे, ऐसे में लोग इसमें कमी आने की उम्मीद कर रहे थे। इंडोनेशिया द्वारा पॉम ऑयल के निर्यात पर लगाई गई रोक को हटाने के बाद तेल की कीमतों में कमी की संभावना और प्रबल हो गई थी। अब सरकार के ताजा फैसले से उम्मीद है कि तेल की कीमतें जल्द नीचे आएंगी।
बता दें कि सरकार महंगाई से त्रस्त जनता को राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठा रही है। पेट्रोल – डीजल के बाद रसोई गैस की कीमतों में कटौती के ऐलान को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके अलावा सरकार कई और शॉर्ट टू मीडियम टर्म उपायों पर गौर कर रही है, ताकि लोगों को फौरन राहत मिल सके।