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SP Baghel Statement: मुसलमानों को लेकर क्या बोल गए केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, मुगल शासक अकबर पर भी उठाए सवाल
SP Baghel Statement: एसपी सिंह बघेल ने कहा कि देश में सहिष्णु मुस्लिमों की गिनती उंगली पर की जा सकती है। ऐसे मुस्लिमों की संख्या हजारों में भी नहीं है।
SP Baghel Statement: भारतीय जनता पार्टी इन दिनों मुसलमानों के एक तबके के बीच पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी का अल्पसंख्यक विंग इसे लेकर तरह-तरह के आयोजन भी कर रहा है। संघ के बड़े नेताओं की मुस्लिम धर्मगुरूओं के साथ बैठक और गृह मंत्री अमित शाह से मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मिलना इसी कवायद का हिस्सा है। इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री सत्यापल सिंह बघेल ने मुसलमानों को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे ये पूरी कवायद पटरी से उतर सकती है।
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केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि देश में सहिष्णु मुस्लिमों की गिनती उंगली पर की जा सकती है। ऐसे मुस्लिमों की संख्या हजारों में भी नहीं है। ये लोग सार्वजनिक जीवन में उपराष्ट्रपति-राज्यपाल या फिर कुलपति बने रहने के लिए सहिष्णु होने का मुखौटा पहन लेते हैं। कार्यकाल खत्म होने के साथ ही इनका असली चेहरा सबके सामने आ जाता है।
दरअसल, दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में हुए देव ऋषि नारद सम्मान पत्रकार सम्मान समारोह में बोलते हुए केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा था कि भारत को इस्लामी कट्टरवाद से लड़ना चाहिए, लेकिन सहिष्णु मुसलमानों को साथ लेकर चलना चाहिए। जब केंद्रीय मंत्री बघेल के बोलने की बारी आई तो उन्होंने माहुरकर के इस टिप्पणी का जवाब देते हुए उपरोक्त बातें कहीं। इस कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस की मीडिया विंग इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र ने किया था।
मुसलमानों की शिक्षा पर कही ये बात
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने मुसलमानों में कम साक्षरता के लिए उन्हीं को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के एक तबके को लगता है कि वे इतने लंबे समय तक शासक रहे, फिर अचानक प्रजा कैसे बन गए ? इसलिए उन्हें अच्छी क्वालिटी की शिक्षा नहीं मिल रही है। अगर वे मदरसों में उर्दू या फारसी सीखेंगे तो इमाम बनेंगे। अगर वे फिजिक्स और केमेस्ट्री पढ़ेंगे तो अब्दुल कलाम बनेंगे ।
तलवार से ज्यादा ताबीज से धर्मांतरण
कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री बघेल ने हिंदुओं के धर्मांतरण पर भी अपने बातें रखीं। उन्होंने कहा कि देश में तलवार से ज्यादा गंडे और ताबीज से लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया। बघेल ने कहा कि आज भी बड़ी संख्या में हिंदू ख्वाजा गरीब नवाज साहब, हजरत निजामुद्दीन औलिया या सैयद सलीम चिश्ती की दरगाह पर जाते हैं। वहां जाकर मन्नतें मांगते हैं।
मुगल शासक अकबर के बारे में प्रचलित धारणा पर भी उठाए सवाल
आगरा से बीजेपी सांसद एसपी सिंह बघेल ने मुगल शासक अकबर के बारे में प्रचलित उस धारणा पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्हें सेकुलर बताने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता महज अकबर की रणनीति थी। इसी राजनीतिक रणनीति के तहत उसने जोधाबाई से शादी की थी। उन्होंने कहा कि अगर अकबर दोनों धर्मों में एकता का पक्षधर होता तो चित्तौड़गढ़ में नरसंहार नहीं करवाता।
बघेल ने आगे मुगल काल के बर्बर दौर का जिक्र करते हुए कहा कि मैं उस दौर के बारे में सोचता हूं तो हैरान रह जाता हूं कि उनके शासनकाल में हम किस तरह बच गए ? बकौल बघेल भारत के बुरे दिन तब से शुरू हो गए थे जब 1192 में मोहम्मद गौरी ने दिल्ली के आखिरी हिंदू शासक पृथ्वीराज चौहान को हराया था।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल साल 2019 के आम चुनाव में उसी आगरा लोकसभा सीट से सांसद बने, जो कभी मुगलों की राजधानी हुआ करती थी।