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‘डे’ इन हिस्ट्री, 2 सितंबर: आज ही के दिन ATM मशीन की हुई थी शुरुआत

Aditya Mishra
Published on: 2 Sep 2018 10:07 AM GMT
‘डे’ इन हिस्ट्री, 2 सितंबर: आज ही के दिन ATM मशीन की हुई थी शुरुआत
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लखनऊ: इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। 2 सितम्बर के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं। इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं। उसमें से एक घटना जापान और दूसरी एटीएम से जुड़ी हुई है।

जापान ने आज ही के दिन बिना शर्त आत्मसमर्पण के कागजों पर दस्तख़त किए थे। वहीं पहली बार एटीएम मशीन की शुरुआत हुई थी। तो आईए जानते हैं, आज के दिन देश -विदेश में घटी कुछ अन्य प्रमुख घटनाओं के बारे में:-

ऑटोमैटिक टैलर मशीन (ए.टी.एम.) की शुरुआत

2 सितंबर की तारीख बैंकिंग जगत में भी क्रांतिकारी बदलाव के लिए जानी जाती है 1969 को इसी दिन बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र पहली बार दुनिया के सामने पैसे निकालने वाली एटीएम मशीन आई।

इस ऑटोमैटिक टेलर मशीन को सबसे पहले केमिकल बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए शुरू किया था बताते चलें कि इस ऑटोमैटिक टेलर मशीन को बनाने के लिए कई लोग कोशिश में जुटे थेलेकिन कामयाबी डॉन वेटजेल को ही मिली।

शुरुआती दौर में इससे सिर्फ कैश निकलता था। बाद में 1980 आते-आते इसमें कई बदलाव देखने को मिले। इसकी मदद से अमेरिका के ज्यादातर लोग पैसे निकालने और जमा करने के लिए इसका प्रयोग करने लगे।

गुजरात के विद्रोहियों का हुआ दमन

2 सितम्बर 1573 के दिन अकबर बादशाह ने गुजरात पर आक्रमण किया था ऐसा माना जाता है कि अकबर गुजरात की समृद्धि को देखकर इतना ललायित था कि वह जल्द से जल्द गुजरात के खजाने तक पहुँचना चाहता था इसी के तहत वह गुजरात जीतने के लिए इरादे से निकल पड़ा

यह वह दौर था जब गुजरात पर मुजफ्फर खां तृतीय का शासन था मुजफ्फर ख़ाँ तृतीय और अकबर के बीच में लगभग डेढ़ महीने के संघर्ष चलता रहा इस दौरान 26 फ़रवरी, 1573 ई. तक अकबर ने सूरत व अहमदाबाद को अपने अधिकार में कर लिया था आगे वह आगरा लौट गया, लेकिन अभी भी उसकी नज़र गुजरात पर थी

इसी बीच गुजरात में मुहम्मद हुसैन मिर्ज़ा के विद्रोह से आग बबूला होकर उसने दोबारा से गुजरात की तरफ रुख किया और आखिरकार 2 सितम्बर, 1573 ई. को विद्रोहियों का दमन कर दिया अगली कड़ी में उसने धीरे-धीरे पूरे गुजरात को अपने कब्ज़े में ले लिया था

देश और दुनिया के इतिहास में 2 सितम्बर कई कारणों से महत्वपूर्ण है, जिनमें से ये सभी प्रमुख हैं...

1806: भूस्खलन के कारण स्विटजरलैंड का एक पूरा शहर बर्बाद हो गया

1945: जापान के विदेश मंत्री मामोरू शेगेमित्सू ने द्वितिय विश्वयुद्ध में बिना शर्त आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया

1945: वियतनाम ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की

1970: नासा ने चांद पर जाने के लिए अपने दो अपोलो मिशन को कैंसिल कर दिया

1992: निकारगुआ में भूकंप से करीब 116 लोगों की मौत हो गई

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Aditya Mishra

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