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लखनऊ की बेटी है चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर, जानें उनके बारें में सबकुछ

चंद्रयान-2 आज दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने शनिवार को चंद्रयान-2 की लॉन्च रिहर्सल पूरी की थी।

Aditya Mishra
Published on: 22 July 2019 9:26 AM GMT
लखनऊ की बेटी है चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर, जानें उनके बारें में सबकुछ
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नई दिल्ली/लखनऊ: चंद्रयान-2 आज दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने शनिवार को चंद्रयान-2 की लॉन्च रिहर्सल पूरी की थी। इसरो ने गुरुवार को ट्वीट किया था कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग 15 जुलाई की रात 2.51 बजे होनी थी, जो तकनीकी खराबी के कारण टाल दी गई थी। इसरो ने एक हफ्ते के अंदर सभी तकनीकी खामियों को ठीक कर लिया।

गौर करने वाली बात ये है कि यह चंद्रयान इंडिया की राकेट वूमेन रितू करिधाल श्रीवास्तव के सुपरविजन में लांच हुआ है। जो कि नवाबों की नगरी लखनऊ की रहने वाली हैं।

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इसरो का बेहद महत्वाकांक्षी मिशन है चंद्रयान-2

लॉन्च के 52 दिनों के बाद चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरेगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) का यह बेहद महत्वाकांक्षी मिशन है। रितू मंगल मिशन में डिप्टी आपरेशन डायरेक्टर थीं और इस मिशन की वह डायरेक्टर हैं।

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मध्यम वर्गीय परिवार में ताल्लुक रहती है रितू

लखनऊ के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी रितू ने अपनी स्कूली शिक्षा नवयुग गर्ल्स कालेज से प्राप्त की। इसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद प्रतिष्ठित गेट परीक्षा को पास किया।

इसके बाद वह इंडियन इंस्टीट्यूट आप साइंस बेंगलुरू गईं और इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन को ज्वाइन करने के बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

रितू की लखनऊ से इसरो तक की यात्रा सहज और आसान बनाने में उनकी योग्यता और प्रतिबद्धता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। स्नातक पास करने के बाद उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से 1997 में परास्नातक परीक्षा पास की।

और इसी यूनिवर्सिटी में फिजिक्स में पीएचडी के लिए एनरोल हो गईं। बाद में उन्हें एक रिसर्च स्कालर के रूप में इसी विभाग में काम करने का अवसर मिला।

क्या कहते है रितु के शिक्षक

रितू को एमएससी में पढ़ाने वाले प्रो. मनीष गुप्ता कहते हैं कि उन्हें इस बात का गर्व है कि रितू उनके गाइडेंस में पीएचडी के लिए रजिस्टर हुई।

अपने माता पिता के न रहने पर रितू ने अपने छोटे भाई रोहित और बहन वर्षा की देखभाल की। रितू के दो बच्चे अनिषा और आदित्य हैं। अपने पति अविनाश और परिवार के बीच वह संतुलन बनाकर रखती हैं।

चंद्रयान-2 पूरी तरह स्वदेशी अभियान है। भारत चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने की कोशिश कर रहा है। यहां पहुंचने की कोशिश आज तक किसी देश ने नहीं की।

चंद्रयान-2 में तीन मॉड्यूल होंगे। इनमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर हैं। इन सभी को लांच व्हीकल जीएसएलवी एमके-3 स्पेस में लेकर जाएगा। लांच व्हीकल जीएसएलवी एमके-3 को भारत में ही बनाया गया है।

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लैंडर को विक्रम और रोवर को प्रज्ञान नाम दिया गया

इसरो के चेयरमैन डा. के सिवन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, चंद्रयान-2 के लैंडर को विक्रम और रोवर को प्रज्ञान नाम दिया गया है। रोवर प्रज्ञान को लैंडर विक्रम के अंदर रखा जाएगा और चांद की सतह पर विक्रम के लैंड होने पर इसे तैनात कर दिया जाएगा।

डा. सिवन ने कहा, चंद्रयान-2 मिशन के तीन हिस्से होंगे। चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके-3 की मदद से लांच किया जाएगा। चंद्रयान-2 का कुल वजन 3.8 टन है। इनमें से 1.3 टन इसके प्रोपेलर का है।

इसरो के चेयरमैन के मुताबिक, हम छह या सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर होंगे। यह चंद्र दिवस का शुरुआती दिन होगा। पूर्ण चांद के दिन हमारे लैंडर और रोवर अपना वैज्ञानिक परीक्षण करना शुरू कर देंगे।

इसरो के मुताबिक, ऑर्बिटर पहले चांद का चक्कर लगाएगा और फिर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतर जाएगा। इसके बाद चांद की सतह पर 6 पहियों वाला प्रज्ञान छोड़ दिया जाएगा।

चंद्रयान-2 भारत का दस साल में दूसरा मिशन है। चंद्रयान-1 को साल 2009 में भेजा गया था। हालांकि उसमें रोवर नहीं था। चंद्रयान-1 में केवल एक ऑर्बिटर और इंपेक्टर था। यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा था।

Aditya Mishra

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