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जहां 18 की उम्र में आते ही बच्चे थामने लगते हैं बंदूक, वहां की ये बेटी अब बनेगी आईएएस

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की 25 वर्षीय एक युवती को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से आयोजित सिविल सेवा की परीक्षा में 12वां रैंक प्राप्त हुआ है। दंतेवाड़ा जिला देश में नक्सलवाद से प्रभावित सबसे बुरे क्षेत्रों में से एक है। 

Aditya Mishra
Published on: 14 April 2019 11:02 AM GMT
जहां 18 की उम्र में आते ही बच्चे थामने लगते हैं बंदूक, वहां की ये बेटी अब बनेगी आईएएस
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नम्रता जैन की फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की 25 वर्षीय एक युवती को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से आयोजित सिविल सेवा की परीक्षा में 12वां रैंक प्राप्त हुआ है। दंतेवाड़ा जिला देश में नक्सलवाद से प्रभावित सबसे बुरे क्षेत्रों में से एक है।

जिले के गीदम प्रांत की निवासी नम्रता जैन को 2016 की सिविल सेवा परीक्षा में 99वां रैंक हासिल हुआ था। उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए हुआ था और वह फिलहाल हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं।

मीडिया से बात करते हुए नम्रता ने बताया कि कलेक्टर बनना चाहती थी। जब मैं आठवीं कक्षा में थी, एक महिला अधिकारी मेरे स्कूल आई थी। बाद में मुझे पता चला कि वह कलेक्टर थी। मैं उनसे काफी प्रभावित हुई। उसी वक्त मैंने तय कर लिया था कि मैं कलेक्टर बनूंगी।”

जैन ने कहा कि कुछ समय पहले उनके कस्बे में एक पुलिस स्टेशन में नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया था जिसने उन्हें सिविल सेवा में शामिल होकर गरीबों की सेवा करने और माओवाद प्रभावित क्षेत्र में विकास लाने के लिए प्रेरित किया था।

इस बार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चयन की उम्मीद कर रहीं जैन ने कहा, “मैं जिस जगह से आती हूं वह नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित है। वहां के लोगों के पास शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। मैं अपने राज्य के लोगों की सेवा करना चाहती हूं।” जैन ने कहा कि दंतेवाड़ा में विकास लाना वहां से नक्सलवाद का सफाया करने में मदद करेगा।

भाषा

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Aditya Mishra

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