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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की यह है खासियत, इस तरह करें मूर्ति का दीदार
सरदार पटेल की ये मूर्ति सरदार सरोवर बांध से 3.2 किलोमीटर दूर साधू बेट नाम के स्थान पर है जो नर्मदा नदी पर एक टापू है। 2012-13 में इस मूर्ति की नींव तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी और आज उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर इस मूर्ति का अनावरण किया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल सरदार वल्लभभाई पटेल की 144वीं जयंती पर गुजरात के केवडिया में स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने वादा किया था कि एक साल के भीतर वो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश-विदेश के पर्यटकों के लिए खास आकर्षण बना देंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये वादा पूरा कर दिखाया।
बताया जा रहा है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास के पूरे इलाके को एलईडी लाइट्स से रोशन किया गया है। करीब साढ़े तीन करोड़ एलईडी लाइट्स से सरदार पटेल की मूर्ति के आसपास के सभी टूरिस्ट स्पॉट्स को सतरंगी रोशनी से जगमग किया गया है।
प्रधानमंत्री का यह है पूरा कार्यक्रम...
बताते चलें कि पीएम मोदी बुधवार देर शाम यहां पहुंचेंगे और गांधीनगर के राजभवन में रात्रि निवास करेंगे। पीएम मोदी कल सुबह करीब सवा आठ बजे सरदार पटेल की प्रतिमा पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
इसके बाद 9 बजे पीएम मोदी हेलीपैड पर अर्धसैनिक बल की परेड में शिरकत करने के लिए पहुंचेंगे। स्टैचू ऑफ यूनिटी पर आयोजित होने जा रहे राष्ट्रीय एकता दिवस के कार्यक्रम में जो सबसे खास आकर्षण होगा वो होगी राष्ट्रीय एकता परेड, जिसमें देशभर की पुलिस फोर्स के जवान भाग लेंगे।
राष्ट्रीय एकता दिवस...
ध्यान देने योग्य बात यह है कि 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हर वर्ग के लोग रन फॉर यूनिटी (एकता दौड़) में भाग लेते हैं।
बताते चलें कि पीएम मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की इस प्रतिमा का उद्घाटन पिछले साल 31 अक्टूबर को किया था। इसके साथ ही कल दोपहर में वह देश भर के लगभग 450 सिविल सेवा परिवीक्षकों के साथ बातचीत करेंगे।
वे केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक फाउंडेशन कोर्स के लिए पिछले एक सप्ताह से केवडिया में हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री परिवीक्षाधिकारियों के साथ दोपहर का भोजन करेंगे। शाम को मोदी वडोदरा हवाई अड्डे के लिए रवाना होंगे जहां से वह वायु सेना के विमान से वापस दिल्ली लौट आएंगे।
आईये जानते हैं स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में...
अगर आपकी हाईट 6 फीट है तो 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' आपसे 100 गुना ज्यादा ऊंची है। भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री रहे सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची (597 फीट) है, और ये दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। खास बात यह है कि इसे बनाने में 2,989 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और इसे भारत की लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कंपनी ने बनाया है।
42 महीनों में बनकर हुई तैयार...
सरदार पटेल की ये मूर्ति सरदार सरोवर बांध से 3.2 किलोमीटर दूर साधू बेट नाम के स्थान पर है जो नर्मदा नदी पर एक टापू है। 2012-13 में इस मूर्ति की नींव तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी और आज उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर इस मूर्ति का अनावरण किया। इस मूर्ति को बनाने में 3000 से ज्यादा लोग और 250 से ज्यादा इंजीनियरों ने काम किया है।
25 मीटर के बेस पर रखा है मूर्ति को...
खास बात यह है कि इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है, लेकिन अगर सिर्फ मूर्ति की ऊंचाई को देखें तो ये 167 मीटर ऊंची है। इस मूर्ति को 25 मीटर ऊंचे बेस पर रखा गया है जिस कारण इसकी ऊंचाई 182 मीटर हो जाती है।
एसएन सुब्रमण्यम, सीईओ, एल एंड टी ने कहा...
स्टैच्यू आफ यूनिटी जहां राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रतीक है वहीं यह भारत के इंजीनियरिंग कौशल तथा परियोजना प्रबंधन क्षमताओं का सम्मान भी है।
स्टैच्यू आफ यूनिटी की 10 खास बातें...
स्टैच्यू आफ यूनिटी की यह मूर्ति सरदार वल्लभ भाई पटेल की है, जो हमेशा जमीन से जुड़े रहे और अब वे आसमान की भी शोभा बढ़ा रहे हैं।
1. मूर्ति की लंबाई 182 मीटर है और यह इतनी बड़ी है कि इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है, बता दें कि 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' ऊंचाई में अमेरिका के 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' (93 मीटर) से दोगुना है।
2. इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी है, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल की छाती पर्यटक पहुंचते हैं, और वहां से सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकते हैं, खूबसूरत वादियों का मजा ले सकते हैं। सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था है।
3. बताया गया है कि इंजीनियर्स ने इस मूर्ति के कंस्ट्रक्शन को चार चरणों में पूरा किया गया है, जो इस प्रकार है:- (1)मॉक-अप, (2)3डी (3)स्कैनिंग तकनीक, (4)कंप्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल प्रोडक्शन तकनीक, वहीं मूर्ति के नीचे के हिस्से को ऊपर के हिस्से की तुलना में थोड़ा पतला किया गया है। मूर्ति के निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती इसे भूकंप और अन्य आपदा से बचाव करना था।
4. खास बात यह है कि यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी स्थिर खड़ा रहता है। यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है, इस मूर्ति के निर्माण में भारतीय मजदूरों के साथ 200 चीन के कर्मचारियों ने भी हाथ बंटाया है, इन लोगों ने सितंबर 2017 से ही दो से तीन महीनों तक अलग-अलग बैचों में काम किया।
5. सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस मूर्ति में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी, स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है।
6. दिखने में जितनी खास ये प्रतिमा है, उतनी ही खास इसकी बनावट है। यह कॉम्पोजिट प्रकार का स्ट्रक्चर है और सरदार पटेल की मूर्ति के ऊपर ब्रॉन्ज की क्लियरिंग है, इस प्रोजेक्ट में एक लाख 70 हजार क्यूबिक मीटर कॉन्क्रीट लगा है। साथ ही दो हजार मीट्रिक टन ब्रॉन्ज लगाया गया है।
7. इसके अलावा 5700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18500 मीट्रिक टन रिइनफोर्समेंट बार्स भी इस्तेमाल किया गया है, यह मूर्ति 22500 मीट्रिक टन सीमेंट से बनी है। इस विशाल प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर है, इस मूर्ति को बनाने में करीब 44 महीनों का वक्त लगा है।
8. इस लौह पुरुष की मूर्ति के निर्माण में लाखों टन लोहा और तांबा लगा है और कुछ लोहा लोगों से मांगकर लगाया है, इस मूर्ति को बनाने के लिए लोहा पूरे भारत के गांव में रहने वाले किसानों से खेती के काम में आने वाले पुराने और बेकार हो चुके औजारों का संग्रह करके जुटाया गया। इसके लिए एक ट्रस्ट भी बना "सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट". इसकी नींव 2013 में पीएम मोदी ने रखी थी।
इस तरह करें '60 मंजिला' ऊंची पटेल मूर्ति का दीदार...
स्टैचू ऑफ यूनिटी गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में साधु आईलैंड में स्थित है। इसे पीएम मोदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट कहा जाता है।
बताया जा रहा है कि यह विशाल प्रतिमा 7 किमी की दूरी से भी नजर आती है। इसकी खासियत जानने के बाद अगर आपक स्टैचू ऑफ यूनिटी घूमने का प्लान हैं, तो हम आपको बता रहे हैं आप कैसे और कब इस भव्य प्रतिमा को नजदीक से देख सकेंगे।
पहले पहुंचे केवड़िया...
फिलहाल एयरपोर्ट और रेल लाइन के लिए वडोदरा सबसे नजदीक है। यह केवड़िया से 89 किमी दूर है। यहां से आप सड़कमार्ग के जरिए केवड़िया पहुंच सकते हैं। इसके अलावा भरूच भी नजदीक रेलवे स्टेशन है। अगर आप अहमदाबाद से आएंगे तो आपको 200 किमी की दूरी तय करनी होगी। इसके अलावा साबरमती रीवरफ्रंट से पंचमुली लेक तक सीप्लेन सेवा चलाए जाने की योजना है।
केवड़िया से सरदार पटेल स्टैचू...
केवड़िया पहुंचने के बाद आपको साधु आइलैंड तक आना होगा। केवड़िया से साधु आइलैंड तक 3.5 किमी तक लंबा राजमार्ग भी बनाया गया है। इसके बाद मेन रोड से स्टैचू तक 320 मीटर लंबा ब्रिज लिंक भी बना हुआ है।
यात्रियों के लिए टेंट सिटी...
आपको बता दें कि केवड़िया में गुजरात सरकार की तरफ से दो टेंट सिटी का निर्माण किया गया है। इसमें एक में 50 और दूसरे में 200 टेंट हैं जहां यात्रियों के ठहरने की सुविधा है। इसके अलावा स्टैचू से 3 किमी की दूरी पर 52 कमरों वाला 3 स्टार होटेल श्रेष्ठ भारत भवन कॉम्प्लेक्स भी मौजूद है।
दो कैटिगरी में मिलेगा टिकट...
स्टैचू ऑफ यूनिटी लोगों के दर्शन के लिए हफ्ते के हर दिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा। यहां जाने के लिए आप ऑनलाइन टिकट बुक करा सकते हैं। इसके लिए आप https://www.soutickets.in से ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं। यहां आपको दो कैटिगरी दिखाई देगी। डेक व्यू और एंट्री टिकट। स्टैचू ऑफ यूनिटी में 3 साल से कम बच्चे के लिए एंट्री मुफ्त है।
आपको बताते डेक व्यू का टिकट खरीदने के लिए आपको 350 रुपये का भुगतान करना होगा। इसमें ऑब्जर्वेशन डेक में एंट्री के साथ, वैली ऑफ फ्लावर, सरदार पटेल मेमोरियल, म्यूजियम, ऑडियो-विजुअल गैलरी के साथ स्टैचू ऑफ यूनिटी साइट और सरदार सरोवर बांध घूम सकते हैं।
वहीं एंट्री टिकट 3 से 15 साल के बच्चों के लिए 60 रुपये है। वहीं बड़ों के लिए इस टिकट की कीमत 120 रुपये है। इस टिकट से आप वैली ऑफ फ्लावर, मेमोरियल, म्यूजिम और ऑडियो-विजुअल गैलरी के साथ सरदार सरोवर डैम का लुत्फ उठा सकते हैं।
अगर आपने एंट्री या डेक व्यू टिकट खरीदा है तो बस के लिए अलग से किराया नहीं देना होगा। एंट्री टिकट में 30 रुपये बस का किराया अपने आप जुड़ जाता है।
ऑनलाइन टिकट की सुविधा...
ऑनलाइन टिकट के लिए नेट बैंकिग या डेबिट कार्ड से भुगतान में कोई चार्ज नहीं लगेगा वहीं क्रेडिट कार्ड से बुकिंग में कुल राशि पर 1 फीसदी जीएसटी लगेगा।
म्यूजियम में सरदार पटेल से जुड़ी यादें...
स्टैचू की छाती के पास झरोखे बने हुए हैं, जहां से आप सरदार सरोवर डैम को पूरा देख पाएंगे। स्टैचू के नीचे एक म्यूजियम है, जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी जाएंगी। स्टैचू में लेजर लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे इसकी रौनक दिन-रात भर बराबर बनी रहेगी।
सेल्फी पॉइंट...
प्रतिमा के पास 5 किमी के दायरे में सेल्फी पॉइंट बनाया गया है जो यहां का प्रमुख आकर्षण है। इसे वैली ऑफ फ्लावर के रूप में विकसित किया गया है।
हाई स्पीड लिफ्ट की सुविधा...
पर्यटकों के लिए स्वागत के लिए गुजरात सरकार ने सरदार पटेल स्टैचू कॉम्प्लेक्स में शॉपिंग सेंटर और एक रिसर्च सेंटर भी बनवाया है। इसके अलावा मूर्ति के पैरों में हाई स्पीड लिफ्ट भी लगाई गई हैं जिसके जरिए आप 400 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर प्रतिमा के दर्शन कर सकेंगे।