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अडानी के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन में फूट, TMC ने कहा- देश में और भी मुद्दे, संसद को ठप्प करने का विरोध

Adani Issue: संसद के शीतकालीन सत्र में अडानी मुद्दे की वजह से भारी हंगामा देखने को मिला।

Anshuman Tiwari
Published on: 28 Nov 2024 8:53 AM IST
अडानी के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन में फूट, TMC ने कहा- देश में और भी मुद्दे, संसद को ठप्प करने का विरोध
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Adani Issue: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के बाद गौतम अडानी के मुद्दे को लेकर भारी हंगामा हुआ है। इस हंगामे के कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपना रखा है और मोदी सरकार पर हमलावर है। हालांकि अब इस मुद्दे को लेकर इंडिया गठबंधन में फूट दिखने लगी है। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले में अलग रुख अपनाया है। पार्टी की ओर से सांसद को ठप्प करने का विरोध करते हुए कहा गया है कि देश में अन्य भी कई जरुरी मुद्दे हैं जिन पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।

टीएमसी का अन्य मुद्दों को संसद में उठाने पर जोर

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने पार्टी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि संसद चलनी चाहिए ताकि आम लोगों से जुड़े हुए मुद्दों को संसद में उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि अडानी के मुद्दे को लेकर संसद में हंगामे के कारण अन्य मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि देश में अन्य भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं,जिन पर संसद में बहस होनी चाहिए।

टीएमसी की लोकसभा सदस्य काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि संसद में कामकाज होना चाहिए। किसी एक मुद्दे को लेकर संसद को पूरी तरह ठप्प किया जाना हमारी पार्टी की नजर में उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें सरकार की विफलताओं से जुड़े मुद्दों को उठाना चाहिए।


टीएमसी की रणनीति कांग्रेस से अलग

दरअसल टीएमसी की रणनीति कांग्रेस से पूरी तरह अलग है। कांग्रेस ने अडानी को बड़ा मुद्दा बना रखा है और पार्टी के नेता राहुल गांधी लगातार इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं। दूसरी और टीएमसी पश्चिम बंगाल से जुड़े मुद्दों,मणिपुर, पूर्वोत्तर के संकट,बढ़ती महंगाई, खाद्य सामग्री की कमी और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश किया गया अपराजिता (महिला सुरक्षा बिल) राज्य विधानसभा में पारित किया जा चुका है मगर राज्यपाल ने इसे रोक रखा है। टीएमसी इस मुद्दे को संसद में उठाने की कोशिश में जुटी हुई है। टीएमसी ने इस मुद्दे को लेकर 30 नवंबर को राज्यव्यापी अभियान चलाने का ऐलान कर रखा है। इसके साथ ही पार्टी इस मुद्दे को राष्ट्रपति तक ले जाने की कोशिश में जुटी हुई है। टीएमसी का स्पष्ट रूप से मानना है कि पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहते हुए भाजपा को चुनौती देना चाहती है।

अडानी मुद्दे पर कांग्रेस का आक्रामक तेवर

दूसरी ओर संसद में अडानी समूह के मामलों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर लगातार हंगामे की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस सांसद देश मुद्दे पर आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं। बुधवार को दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों ने संसद की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। अडानी मामले की जेपीसी जांच को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच लंबे समय से तकरार की स्थिति बनी हुई है और फिलहाल इसके थमने के कोई संकेत नहीं हैं क्योंकि दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं।


संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा

मोदी सरकार इस मामले में जेपीसी जांच के पक्ष में नहीं है जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के सांसदों ने इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल रखा है। बुधवार को लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने जब इस मामले को उठाने की अनुमति नहीं दी तो विपक्षी सांसदों ने इसका तीखा विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया था। राज्यसभा में भी इस मुद्दे को लेकर भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती और इसी कारण टीएमसी ने अब अलग रुख अपना लिया है।



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Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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