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SS Badrinath: गरीबों के मसीहा कहने जाने वाले प्रख्यात डॉ. एसएस बद्रीनाथ का निधन, मृत्यु बीमा राशि से बने थे डॉक्टर, PM मोदी ने जताया दुख
SS Badrinath Passes Away: 1978 में डॉ. बद्रीनाथ ने डॉक्टरों के एक समूह के साथ चेन्नई में एक धर्मार्थ गैर-लाभकारी नेत्र अस्पताल शंकर नेत्रालय स्थापित करने का निर्णय लिया।
SS Badrinath Passes Away: चेन्नई के प्रतिष्ठित शंकर नेत्रालय के संस्थापक और प्रख्यात विटेरोरेटिनल सर्जन डॉ. एसएस बद्रीनाथ का मंगलवार को निधन हो गया है। उनका निधन 83 वर्ष का आयु में हुआ है। प्रसिद्ध नेत्र सर्जन बीते कई समय बीमारी से पीड़ित थे। बद्रीनाथ के निधन की सूचना शंकर नेत्रालय ने दी और कहा कि हमारे दूरदर्शी संस्थापक डॉ. एस.एस. बद्रीनाथ का आज सुबह निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार बेसेंट नगर श्मशान घाट पर किया जाएगा। उनके निधन की खबर आते ही चेन्नई सहित भारत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं में शोक प्रकट किया है।
बेसेंट नगर श्मशान घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
शंकर नेत्रालय ने नोट में कहा कि हमारे दूरदर्शी संस्थापक, एक महान और दयालु नेता डॉ. एस.एस. बद्रीनाथ का आज सुबह निधन हो गया। अंतिम संस्कार आज सुबह 9.30 बजे के बाद बेसेंट नगर श्मशान घाट पर किया। हमारे संस्थापक के निधन से एसएन को गहरा दुख हुआ है।
उनकी अथक सेवा ने छोड़ी अमिट छाप, किया शोक प्रकट
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधाकारिक एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट पर पीएम मोदी ने कहा कि दूरदर्शी, नेत्र विज्ञान के विशेषज्ञ और शंकर नेत्रालय के संस्थापक डॉ. एसएस बद्रीनाथ जी के निधन से गहरा दुख हुआ। नेत्र देखभाल में उनके योगदान और समाज के प्रति उनकी अथक सेवा ने एक अमिट छाप छोड़ी है। उनका काम पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदनाएं। शांति।
तमिलनाडु कांग्रेस उपाध्यन ने जताया दुख
डॉ. बद्रीनाथ के निधन की खबर साझा करते हुए, तमिलनाडु कांग्रेस के उपाध्यक्ष राम सुगंथन ने एक्स पर लिखा, “चेन्नई में एक प्रमुख नेत्र देखभाल अस्पताल, शंकर नेत्रालय के संस्थापक डॉ. बद्रीनाथ के निधन पर परिवार और दोस्तों के लिए मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं।” कई गरीब मरीजों की सेवा की!”
चिकित्सा क्षेत्र में मना जाता है अग्रदूत
डॉ. एसएस बद्रीनाथ को चिकित्सा के क्षेत्र में उन अग्रदूतों में से एक माना जाता था, जिन्होंने समाज के लिए नेक काम किये। डॉ. बद्रीनाथ ने समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को मुफ्त चिकित्सा उपचार से मदद की। उनका संगठन हर दिन सैकड़ों लोगों के लिए धर्मार्थ चिकित्सा उपचार का केंद्र बन गया। हर दिन यहां 1200 के करीब मरीज आते हैं। अस्पताल में प्रतिदिन 100 सर्जरी मुफ्त में की जाती है। इसके अलावा अस्पताल नेत्र विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान करता है।
जानिए कौन हैं डॉ. एसएस बद्रीनाथ?
डॉ. सेंगामेदु श्रीनिवास बद्रीनाथ का जन्म तमिलनाडु के चेन्नई के एक उपनगर में हुआ था। काफी छोटी उम्र में उन्हें अपने माता पिता को खो दिया था। माता-पिता की मृत्यु से प्राप्त बीमा राशि से बद्रीनाथ ने डॉक्टर बनने का जुनून को पूरा करने के लिए किया। उसके बाद वह धर्मार्थ के कार्यों में लग गए।
अमेरिका में किया नेत्र विज्ञान का अध्ययन
उन्होंने अपनी मेडिकल की पढ़ाई मद्रास मेडिकल कॉलेज से पूरी की। यहां पर पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1962 में वह उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्रासलैंड्स अस्पताल में नेत्र विज्ञान में उच्च अध्ययन किया। अमेरिका में अपने दिनों के दौरान उन्होंने मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर इन्फर्मरी की विट्रोरेटिनल सेवाओं में एक फेलो के रूप में भी काम किया।
साल 1996 में की थी शादी
अमेरिका में पढ़ाई के दौरान बद्रीनाथ की मुलाकात डॉ वसंती अयंगर से हुई। जो उस समय न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में न्यूयॉर्क में बाल रोग विशेषज्ञ और हेमेटोलॉजिस्ट की डॉक्टर थीं। साल 1966 में दोनों लोगों ने शादी कर ली। उनके दो बेटे हैं। साल 1970 में बद्रीनाथ भारत लौट आए। यहां पर उन्होंने एक सलाहकार के रूप में स्वैच्छिक स्वास्थ्य सेवाओं में काम किया।
1978 में स्थापित किया शंकर नेत्रालय
उसके बाद डॉ. बद्रीनाथ ने एचएम अस्पताल में नेत्र विज्ञान और विटेरोरेटिनल सर्जरी में एक निजी प्रैक्टिस स्थापित की। 1978 में डॉ. बद्रीनाथ ने डॉक्टरों के एक समूह के साथ चेन्नई में एक धर्मार्थ गैर-लाभकारी नेत्र अस्पताल शंकर नेत्रालय स्थापित करने का निर्णय लिया। तब से लेकर आज तक यह नेत्रालय गरीबों के मुफ्त इजाल करता आता है।