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इस कलाकार का ऑटो चला कर हो रहा गुजारा, रुला देने वाली इनकी कहानी
कहानी है मुम्बई के मुलुंड इलाके में रहने वाली 28 साल की लक्ष्मी की। शुरूआत करते हैं लक्ष्मी के बचपन से। तो लक्ष्मी का बचपन से ही एक सपना था कि वो फ़िल्मों और टीवी सीरियल में काम करे।
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नई दिल्ली : कहानी है मुम्बई के मुलुंड इलाके में रहने वाली 28 साल की लक्ष्मी की। शुरूआत करते हैं लक्ष्मी के बचपन से। तो लक्ष्मी का बचपन से ही एक सपना था कि वो फ़िल्मों और टीवी सीरियल में काम करे। खुद के घर पर टीवी ना होने की पर वे पड़ोसियों के घर काम करती थीं और उसके बदले में वहीं टीवी देखती थी।
टीवी देखते-देखते लक्ष्मी माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी के गानों पर नाच उठती थी। बचपन के दिन ऐसे ही बीतते गए और पता ही नही चला कब यह सब लक्ष्मी का सपना बन गया।
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बुरे वक्त से भी नहीं डरी लक्ष्मी
लक्ष्मी के परिवार में दो बड़ी बहनें और एक बड़ा भाई है। जिसमें लक्ष्मी सबसे छोटी है। लक्ष्मी और उसके परिवार के लिए एक बहुत बुरा वक्त भी आया, उसके पिता का बचपन में सबसे साथ छूट गया। फिर बीमार बहन और मां की देखरेख लक्ष्मी ने ही संभाली।
लक्ष्मी ने मां का हाथ बंटाने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी। आठवीं कक्षा के बाद वे दूसरों के घरों में काम के लिए जाती थी। ज़िन्दगी ने जब कोई आस न थी, कोई सहारा नहीं था, पर तब भी लक्ष्मी ने हार नहीं मानी और अपना रास्ता खुद बनाया।
वह यह भी जानती थी, कि उनके पास कोई गॉडफादर नहीं है और न ही उनका लुक किसी सुपरहिट हिरोइन की तरह था। अपने घर का ध्यान रखने हुए उसने अपना शौक नहीं छोड़ा।
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अपने इस सपने को पूरा करने के लिए परिवार के पालन-पोषण के लिए लक्ष्मी ने ऑटो रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। लक्ष्मी बताती हैं कि "मैंने पार्लर में भी काम किया है इसलिए काम की वजह से मैं एक्टिंग में फोकस नहीं कर पाई।"
लक्ष्मी ने बताया कि ''ऑडिशन के लिए दूर-दूर स्टूडियो में जाना पड़ता था और तब मेरे पास पर्याप्त पैसे भी नहीं रहते थे। इसलिए बहुत बार तो ऐसा हुआ कि मैं जा ही नहीं पाती थी।
इन सीरियलों में किया काम
मुंबई की रहने वाली लक्ष्मी की मातृभाषा मराठी है। लक्ष्मी ने बहुत से मराठी सीरियल जैसे 'देवयानी', 'लक्ष्य', 'तू मज़ा संगति', और मराठी फ़िल्म 'मुंबई पुणे मुंबई' के अलावा ज़ी5 की वेबसीरिज़ 'स्वराज्य रक्षक' और हिंदी फ़िल्म 'मराठवाड़ा' जैसे कई फ़िल्मों और सीरियल में काम कर चुकी हैं।
लक्ष्मी बताती हैं कि ''मराठी के कई सीरियलस में मुझे कभी प्रेग्नेंट वुमन, कभी पागल, कभी किसान की बीवी, कभी कामवाली और ऐसे कई स्पेशल एक्सपीरियंस भी मिलते हैं।''
लेकिन लक्ष्मी नाउम्मीद नहीं हैं, ''मैं इस तरह ही काम करके खुश हूँ। खुद की मेहनत से जो कर रही हूं, उसी से संतुष्ट हूँ।'' इतने सीरियल करने के बाद भी लक्ष्मी को पहचान तब मिली जब फेमस अभिनेता बोमन ईरानी ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया।
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बोमन ईरानी ने लिखा कि 'लक्ष्मी मराठी सीरियल्स में अभिनय करती हैं और बाक़ी के समय ऑटो चलाकर अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए सशक्त भूमिका निभा रही हैं। लक्ष्मी बहुत मेहनती है।'
बोमन ईरानी से हुई मुलाकात के बारे में लक्ष्मी बताती हैं-
लक्ष्मी कहती हैं "मैं पहले से बोमन ईरानी सर को जानती थी। मैं जहां शूटिंग कर रही थी वहीं उस दिन बोमन सर भी मुंबई के फ़िल्मसिटी स्टूडियो से अपनी किसी फ़िल्म की शूटिंग कर घर लौट रहे थे।"
लक्ष्मी आगे बताती हैं, ''मैं भी अपनी कुछ को-स्टार्स के रूप में काम करने वाली लड़कियों के साथ घर जा रही थीं। तभी अचानक से बोमन ईरानी से मुलाकात हुई। मैं बोमन सर के बारे में सुना था, कि बहुत अच्छे आदमी हैं और उस दिन देख भी लिया।''
''मैंने देखा बोमन सर अपनी कार से हमारा वीडियो ले रहे थे। वह अपनी बीएमडब्ल्यू से नीचे उतरे और मेरे पास आए और बोले चलो एक राउंड लगाते हैं। मैं उन्हें देखकर बहुत खुश हो गई और उनके पैर छूने लगी तो बोमन सर ने कहा कि मेरे पैर मत छूओ।''
"बोमन जी मुझे छोटा नहीं दिखाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने ऐसा किया। उन्होंने मेरे साथ फोटो ली और खुश होकर मेरी तारीफ करते गए। मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा था कि वह मेरे साथ थे।"
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भूखें पेट सोना पड़ता था...
लक्ष्मी को सीरियल में काम करने के बाद भी पांच या छह दिन बाद ही पैसे मिलते थे, जिसके चलते बहुत बार परिवार वालों को भूखें पेट ही सोना पड़ता था। जिसकी वजह से ऑटो चलाना जरुरी बन गया था।
लक्ष्मी मुस्कुराते हुए कहती हैं, ''ऑटो चलाने से मेरा दो फायदा होता है एक तो ये की रोज की कमाई हो जाती है और दूसरा ये कि किसी भी जगह पहुंचने में आसानी हो जाती है। कई बार तो ऑडिशन के लिए जाते हुए मैं रिक्शे में सवारी बिठा लेती हूं और उन्हें छोड़ते हुए ऑडिशन के लिए निकल जाती हूं।"
दिया ये जबरदस्त जवाब
लक्ष्मी मर्दों को नसीहत देते हुए कहती हैं कि ''कुछ लोग कहते हैं कि औरतों को ड्राइविंग करना खतरनाक होता है। औरतों को ड्राइविंग नहीं आती। कई बार तो लोगों ने मुझें कहा कि ये ऑटो चलाने वाला काम छोड़ दो। मैं ऐसे लोगों को बस एक ही जवाब देती हूँ कि जो औरतों तुम जैसे मर्दों को जन्म दे सकती हैं, वे औरतें दुनिया का कोई भी काम कर सकती हैं।''
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