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दूसरे दिन भी ट्रेड यूनियन हड़ताल का असर,करीब 25 करोड़ लोग समर्थन में

केंद्र की मोदी सरकार के श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के खिलाफ सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन दो दिन की हड़ताल पर हैं। आज हड़ताल का दूसरा दिन है। हड़ताल को 2 बैंक यूनियंस- ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन और बैंक एम्प्लॉयीज फेडरेशन आफ इंडिया का भी समर्थन है।

Rishi
Published on: 9 Jan 2019 4:09 AM GMT
दूसरे दिन भी ट्रेड यूनियन हड़ताल का असर,करीब 25 करोड़ लोग समर्थन में
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नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार के श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के खिलाफ सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन दो दिन की हड़ताल पर हैं। आज हड़ताल का दूसरा दिन है। हड़ताल को 2 बैंक यूनियंस- ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन और बैंक एम्प्लॉयीज फेडरेशन आफ इंडिया का भी समर्थन है।

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देश के कई हिस्सों के एटीएम में कैश नहीं हैं। बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हड़ताल को डाक, बीएसएनएल, बंदरगाह, निगम, आंगनबाड़ी सहित करीब 25 करोड़ लोगों का समर्थन है।

आपको बता दें, सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में वाम दलों के सदस्यों के विरोध के बीच ट्रेड यूनियन संशोधन विधेयक 2019 पेश कर दिया, जिसमें 1926 के कानून में संशोधन का प्रावधान है।

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देश भर में बवाल

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बारासात के चंपाडाली इलाके में एक स्कूल बस पर पथराव, सरकारी बस में तोड़फोड़। राज्य के कई हिस्सों में पीएम नरेंद्र मोदी के पुतले फूंके गए।

ओडिशा में भुवनेश्वर, कटक, पुरी, बालेश्वर, जलेश्वर, भद्रक, संबलपुर, बरहामपुर और पारादीप सहित कई स्थानों पर रेल रोको आंदोलन।

मध्यप्रदेश की करीब 5,000 बैंक ब्रांच में सेवाएं बाधित।

बृहनमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट के कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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