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Teacher's Success Story: इन Maths और English टीचर्स के लाखों छात्र हैं दीवाने, इनकी पॉपुलरिटी किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं
Teacher's Success Story: मशहूर इंग्लिश की शिक्षिका नीतू मैम (Famous Teacher Neetu Singh) और चर्चित मैथ्स शिक्षक आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) की सफलता के बारे में जो सिर्फ 1रु गुरु दक्षिणा में पढ़ाकर प्रत्येक वर्ष कई निर्धन स्टूडेंट्स को IITIAN बना रहे है।
Teacher's Success Story: कल तक जो गांव और छोटे शहर की पगडंडियों तक सिमटे थे वो एक दिन दुनिया के मानचित्र पर छा जाएंगे ये किसी को पता नहीं था। लेकिन एक कहावत सत्य है कि कड़ी मेहनत, ऊंची सोच और पक्के इरादे के बल पर सफलता हासिल की जा सकती है। अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर भारत के इन Maths और English टीचर्स के करोड़ो स्टूडेंट्स दीवाने हैं। आज हम बात कर रहे है मशहूर इंग्लिश की शिक्षिका नीतू मैम (Famous Teacher Neetu Singh) और चर्चित मैथ्स शिक्षक आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) के बारे में जो सिर्फ 1रु गुरु दक्षिणा में पढ़ाकर प्रत्येक वर्ष कई निर्धन स्टूडेंट्स को IITIAN बना रहे है।
आइए जानते हैं इन दो चर्चित शिक्षकों के बारे में....
1- नीतू मैम (Neetu Singh)
दुनिया में हर चीज हासिल किया जा सकता है। लेकिन शिक्षा हासिल करने के लिए कई लोगों को वर्षों संघर्ष करना पड़ता है। कुछ ऐसी ही कहानी है मशहूर इंग्लिश टीचर नीतू सिंह की, पिता के मरने के बाद समाज के लोगों ने बेटी को गर्ल्स स्कूल भेजने को कहा। मां ने बेटी की पढ़ाई में कोई कोताही नहीं की और उन्हें अच्छी शिक्षा देने की हर संभव प्रयास किया।
नीतू सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय से की है पढ़ाई
फेमस इंग्लिश टीचर नीतू सिंह (Famous English Teacher Neetu Singh) के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आज लाखों की संख्या में सब्सक्राइबर हैं। नीतू सिंह को सभी प्यार से नीतू मैम बुलाते हैं। नीतू सिंह झारखंड से ताल्लुक रखती हैं। भले ही वे झारखंड की हैं, लेकिन उनका पालन पोषण बिहार में हुआ है। नीतू मैम अध्ययन सामग्री, अभ्यास परीक्षण और लाइव संदेह-समाधान सत्र सहित ढेर सारे संसाधन भी देती हैं। साथ ही उनके पढ़ाने का अंदाज काफी निराला है। यही कारण है कि नीतू सिंह छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है। LLB की डिग्री हासिल करने के बाद वे कोर्ट जाने लगीं। लेकिन वहां अच्छी कमाई नहीं होने के कारण ट्यूशन पढ़ाने का फैसला लिया।
बसों के धक्के खाए, लेकिन हार नहीं मानी (Success Story of Neetu Singh)
शुरुआत में ट्यूशन पढ़ाने के लिए नीतू सिंह को बसों में धक्के भी खाने पड़े। लेकिन उन्होंने मेहनत से डर नहीं लगता था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि जब वे पढ़ाने के लिए गईं तो देखा कि बच्चे के साथ-साथ उनकी मां भी अंग्रेजी सीखना चाहती हैं। बच्चे की मां ने बताया कि जब कभी वह किटी पार्टी में जाती हैं तो उनका पहनावा देखकर सबको लगता है कि मैं अच्छी इंग्लिश बोलती हूं। लेकिन जब कोई बात करता है तो पूरा मूड खराब हो जाता है।
यूट्यूब से होती है लाखों की कमाई
इसके बाद उन्होंने केडी कैंपस शुरू किया। केवल 3-4 सालों में ही केडी कैंपस (KD Campus) इस मुकाम पर पहुंच गया कि मुखर्जी नगर आने वाले छात्रों की पहली पसंद बन गया। लॉकडाउन के दौरान जब कोचिंग सेंटर बंद हुआ तो उन्होंने केडी लाइव की शुरुआत की। आज उनके यूट्यूब चैनल पर 1.71 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। वह यूट्यूब से ही महीने के लाखों रुपये कमाती हैं। टीचर नीतू सिंह कहती हैं कि अंत में जीत उनकी ही होती है जो मेहनत करते रहते हैं।
2- आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava)
गुगल ब्वॉय कौटिल्य पंडित इनके शिष्य हैं। 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर 540 स्टूडेंट्स को अब तक इंजीनियर बना चुके हैं। किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन गांव से निकलकर कोई देश-दुनिया के लिए खुद एक संदेश बन जाएगा। लेकिन ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जो अभाव में रहते हैं वही दुनिया के मानचित्र पर अपनी विद्वता के बूते कृति खींचने में कामयाब साबित होते हैं। ऐसे ही एक आम लड़के या यों कहें कि ऑटो चालक से गणितज्ञ बनने का सफर तय किया जो आगे चलकर एक इतिहास पुरुष बन जाएंगे ये किसे पता था। पर, ऐसा ही हुआ युवा गणितज्ञ आर के श्रीवास्तव के साथ। कल तक जो गांव की पगडंडियों तक सिमटे हुए थे वो एकदिन दुनिया के मानचित्र पर छा जाएंगे ये किसी को पता नहीं था।
हार नहीं मानी (Success Story of RK Srivastava)
हम बात कर रहे हैं बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज के रहने वाले आर के श्रीवास्तव की, जो खुद मुफलिसी में जिंदगी को गुजारते हुए गरीब और असहाय स्टूडेंट्स को 1 रूपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बना रहे हैं। आर के श्रीवास्तव अबतक 540 से अधिक स्टूडेंट्स को बना चुके है आईआईटियन और यह कारवां निरंतर जारी है।
जिंदगी के कई पहलुओं को बहुत करीब से आरके श्रीवास्तव को देखने का मौका मिला है। इन्होंने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। मगर किसी भी परिस्थिति से हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य पर चलते हुए एक दिन अपने मुकाम को पाने में कामयाब हुए। राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री सहित कई चर्चित हस्तियां इनके शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा कर चुके है। आरके श्रीवास्तव ने अपने घर को चलाने के लिए ऑटो रिक्शा तक चलाया। दरअसल इनके घर की माली हालत बहुत बूरी थी।
बाल्यावस्था में ही इनके पिता का निधन हो गया। बड़े भाई ने घर की जिम्मेदारी संभाल ली, तब आरके बहुत छोटे थे। जब बड़े हुए तो पढ़ाई करना और बड़े भाई जब थक हारकर आते थे तो आरके ऑटो लेकर सड़कों पर कमाने निकल जाते थे। घर कि स्थिति में थोड़ी सुधार होने लगी। मगर आरके ने अपनी पढ़ाई के आगे कभी हार नहीं मानी। जिस क्लास में पढ़ते थे उसी क्लास के लड़कों को मैथेमैटिक्स पढ़ाने लगे। जब आमदनी होने लगी तो परिवार चलाने में सपोर्टिव साबित हुई।
बन गए मैथेमैटिक्स गुरु
मगर क्या बताऊँ होनी को कुछ और ही मंजूर था। जब घर की जिम्मेदारी पटरी पर लौटने लगी तो आरके श्रीवास्तव के बड़े भाई का असमय निधन हो गया। घर पर विपत्ति का पहाड़ टूट गया। सारी उम्मीदों पर पल में पानी फिर गया। बिखरते परिवार पर जब नजर पड़ी आरके की तो उन्होंने हिम्मत बांधते हुए घर की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर आगे निकल पड़े। इस बूरे दौर में उनकी पढ़ाई ही इनके लिए वरदान साबित हुई। यहां से आरके श्रीवास्तव उभरकर निकले मैथेमैटिक्स गुरु के रुप में।