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पढ़ने जा रहे हैं कोटा, तो छात्रों को देना पड़ेगा एंट्री टैक्स, जानें क्यों?
मेडिकल और इंजीनियरिंग कोचिंग के लिए कोटा सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक है। यहां हर साल लाखों छात्र और छात्राएं कोचिंग के लिए आते हैं। अब वसुंधरा सरकार कोंचिंग करने आने वालें बाहरी छात्र-छात्राओं से 1000 रुपए टैक्स लेगी।
नई दिल्ली: मेडिकल और इंजीनियरिंग कोचिंग के लिए कोटा सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक है। यहां हर साल लाखों छात्र और छात्राएं कोचिंग के लिए आते हैं। अब वसुंधरा सरकार कोचिंग करने आने वालें बाहरी छात्र-छात्राओं से 1000 रुपए टैक्स लेगी।
नगर निगम कोचिंग संस्थानों के माध्यम से स्टूडेंट्स से एंट्री टैक्स लेगी। हर साल कोटा में लगभग सवा लाख बाहरी स्टूडेंट्स तैयारी करने के लिए आते हैं जिसमें से 80 हजार बिहार से आते हैं।
रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य
यह फैसला नगर निगम राज्य समिति की एक बैठक में लिया गया। शहर में जहां नगर निगम सफाई के लिए पैसा जुटाने के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट, प्राइवेट कॉलेज और स्कूलों पर नया टैक्स थोप रहा है, जो छात्रों से वसूला जाएगा। वहीं बैठक में कहा गया कि शहर में ऐसे बड़े कोचिंग सेंटर हैं, जिनमें छात्राओं की संख्या 250 से अधिक है। उनका रजिस्ट्रेशन करना कंपल्सरी है। वहीं हर साल प्रत्येक स्टूडेंट्स से 1000 रुपए टैक्स के रूप में लेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 150 से अधिक कोचिंग सेंटर हैं जो JEE Mains, JEE Advance, और NEET-UG, AIIMS जैसे मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करते हैं। हर साल कोटा से कोचिंग लेने वाले छात्र IIT जैसी कई परीक्षाओं में चुने जाते है।
छात्रों के लिए एक बड़ी समस्या
कोटा में हर साल लगभग 1.5 लाख से अधिक स्टूडेंट्स कोचिंग लेते हैं। ऐसे में जहां छात्र और छात्राएं अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए दूर-दूर से कोचिंग लेने आते हैं, उस स्थिति में सरकार का हर छात्र से 1000 हजार रुपए वसूलना उनका बजट बिगाड़ सकता है। वहीं जो छात्र आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं उनके लिए ये एक बड़ी समस्या है।
जमकर किया विरोध प्रदर्शन
कोटा में पढने वाले छात्रों ने 1000 रुपए टैक्स वसूलने के फरमान से जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। छात्र- छात्राएं दुकानों पर घूम-घूमकर भिक्षाटन किया। जहां वह हाथों में तख्तियां लिए घूम रहे हैं जिनमें लिखा है 'अंकल हम पढ़ने आए हैं प्लीज हमसे टैक्स नही लो'।
कोचिंग सेंटर के मुताबिक स्टूडेंट्स ने बताया कि जीएसटी की वजह से पहले से ही कोचिंग की फीस में 20 हजार तक बढ़ी है। वहीं नगर निगम के इस फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस नेता शांति धारीवाल का कहना है कि 'यहां पढ़ने आने वाले छात्रों पर अन्याय हो रहा है। ये बच्चे कोटा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इन्हीं पर टैक्स लगाया जा रहा है।'