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स्वामी ने 'PM' पर साधा निशाना, चीन और किसान आंदोलन को लेकर कही ऐसी बात
सुब्रमण्यम स्वामी ने अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। जिसमें नए कृषि कानूनों पर जारी किसान आंदोलन के संभावित समाधान के लिए तीन सूत्रीय फॉर्मूला सरकार को सुझाया गया था।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं तीन अलग-अलग हिस्सों- पैंगोंग सो, गलवान घाटी और डेपसांग प्लेन्स पर आमने-सामने हैं।
चीन और भारतीय सेना के बीच विवाद सुलझाने के लिए कोर कमांडर स्तर की कई बार बैठकें भी हो चुकी है। इस बीच भाजपा के ही राज्यसभा सांसद और मुखर नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को लद्दाख में वर्तमान स्थिति पर संसद में एक बयान देना चाहिए।
भारतीय क्षेत्र के चीनी अवैध अधिग्रहण को पारस्परिक रूप से सहमत एलएसी के पार आना चाहिए। किसानों के आंदोलन पर हमारा सारा ध्यान नहीं जाना चाहिए। ये बातें उन्होंने ट्वीट माध्यम से कही हैं।
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पहले भी चीन और किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर साध चुके हैं निशाना
बता दें कि इससे पहले भी समय-समय भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पीएम मोदी को पत्र लिखकर या ट्वीट के जरिए चीन या फिर किसान आंदोलन का मुद्दा उठाते रहे हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी किसी भी बड़े मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं। कई बार तो उन्होंने मोदी सरकार के मंत्रियों को नसीहत दे डाली है। स्वामी कई बार प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साध चुके हैं।
स्वामी ने 'PM' पर साधा निशाना, चीन और किसान आंदोलन को लेकर कही ऐसी बात (फोटो:सोशल मीडिया)
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किसान आंदोलन के समाधान के लिए मोदी सरकार को सुझाया था तीन सूत्रीय फॉर्मूला
सुब्रमण्यम स्वामी ने अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। जिसमें नए कृषि कानूनों पर जारी किसान आंदोलन के संभावित समाधान के लिए तीन सूत्रीय फॉर्मूला सरकार को सुझाया गया था।
बीजेपी सांसद दावा है कि उनके दिए गए इन तीनों नियमों से किसानों का चला आ रहा 72 दिनों का आंदोलन खत्म हो जाएगा और दिल्ली सीमा पर एकजुट प्रदर्शनकारी किसान संभवत: अपने घर चले जाएंगे।
अपने पत्र में स्वामी ने 'तीन नियमों' की पेशकश की थी। बीजेपी सांसद ने लिखा था कि सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण ये है कि कृषि कानूनों का कार्यान्वयन केवल इसे स्वीकार करने के लिए तैयार राज्यों तक सीमित होगा।
स्वामी ने 'PM' पर साधा निशाना, चीन और किसान आंदोलन को लेकर कही ऐसी बात (फोटो:सोशल मीडिया)
कानूनों को आवश्यक तौर पर देशभर में लागू नहीं किया जाए: स्वामी
दूसरे शब्दों में कहें तो सुब्रमण्यम स्वामी ने सुझाव दिया है कि कानूनों को आवश्यक तौर पर देशभर में लागू नहीं किया जाएगा।
इसकी जगह वे राज्य जहां के किसान कृषि सुधार संबंधी कानून चाहते हैं, वे केन्द्र सरकार को इस बारे में लिखित में दे सकते हैं, इसके बाद उन राज्यों में कानूनों को लागू किया जाएगा।
स्वामी ने पीएम को लिखते हुए कहा- "जो चाहते हैं कि नए कृषि सुधार संबंधी कानून लागू किया जाएं उन्हें उसके फायदे से वंचित नहीं रख जाना चाहिए, क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर पंजाब ही इस कानून को लागू नहीं करना चाहता है, चाहे हो बुरी वजह है या अच्छी। "
इस बीच, दूसरा नियम यह बताना चाहिए कि हर राज्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए पात्र होगा, जैसा कि राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध करने वालों की मांग है।
तीसरा सुब्रमण्यम स्वामी ने यह सुझाव दिया है कि अनाजों की खरीददारी सिर्फ वहां तक ही सीमित किया जाना चाहिए जहां पर कृषि व्यापार के अलावा दूसरा कोई और वाणिज्यिक और व्यावसायिक हित नहीं है।
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