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सक्सेस मंत्र : कुछ टिप्स अपनाकर लें मीटिंग्स का पूरा फायदा

seema
Published on: 29 Dec 2017 3:57 PM IST
सक्सेस मंत्र : कुछ टिप्स अपनाकर लें मीटिंग्स का पूरा फायदा
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नई दिल्ली : कई बार मीटिंग के बाद कुछ लोगों की राय होती है कि मीटिंग्स काफी बोरिंग होती हैं, क्योंकि वे इनमें रुचि नहीं लेते। लेकिन यदि आप मीटिंग्स के दौरान नोट्स लेते हैं तो इससे आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ सकती है। इस लिए हर बार आपको एक ही नजरिये से नहीं देखना चाहिए। अगर आप अपने नजरिये में थोड़ा बदलाव करते है तो मीटिंग से आपको कई फायदे मिल जायेंगे। जानते हैं मीटिंग्स के फायदों के बारे में।

मीटिंग में बनायें नोट्स

आप किसी मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं तो प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए आपको नोट्स बनाने चाहिए। अगर मीटिंग आपने ही बुलाई है और आप उस मीटिंग में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं तो आपको हर व्यक्ति पर पूरा फोकस करना चाहिए। हर व्यक्ति के साथ आई कॉन्टैक्ट रखना चाहिए। इस स्थिति में नोट्स लिखने से छवि खराब हो सकती है। इसकी जिम्मेदारी किसी टीम मेंबर को सौंप सकते हैं। जब आप दुबारा कम्युनिकेशन करें तो नोट्स का रिव्यू कर सकते हैं और नजरिए में फर्क के बारे में विचार कर सकते हैं। अगर आपको मिनट्स तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है तो विस्तृत नोट्स तैयार करने चाहिए।

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नोट्स लेने के फायदे

नोट्स बनाने के दो महत्वपूर्ण कारण होते हैं- इससे आपको फायदा होता है और दूसरों के साथ आपके संबंधों को फायदा पहुंचता है। जब आप मीटिंग्स में नोट्स लेते हैं तो आप सचेत और जुड़े हुए रहते हैं। इससे आप अपने काम के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय तक पहुंच पाते हैं। इससे आपका कमिटमेंट जाहिर होता है। आपका प्राइमरी पर्सनल गोल नई चीजें सीखना है, जो आउटपुट बूस्ट कर सकें। नोट्स से आपकी निर्णय क्षमता में भी सुधार होता है। जब नोट्स लेते हैं तो मेमोरी मजबूत होती है और जो सीखा है, वह सुदृढ़ हो जाता है। अगर नोट्स नहीं लेंगे तो बाद में आप भूल सकते हैं कि क्या डिस्कस किया गया था।

सही समय पर लें नोट्स

किसी खास डिस्कशन में शामिल नहीं हैं तो दूसरों के बोलने के दौरान आपको नोट्स लिखने चाहिए। अगर आप डायरेक्ट रेस्पॉन्स देने के लिए बोल या सुन रहे हैं तो आई कॉन्टैक्ट रखें और पॉज या ब्रेक होने पर ही नोट्स लें। अगर आपकी बात पर काफी देर में रेस्पॉन्स आ रहा है तो इस दौरान आप आई कॉन्टैक्ट के बजाय नोट्स ले सकते हैं। जब बार-बार किसी एक ही विषय पर डिबेट हो रही है तो आप अपने विचारों को लिखने के लिए समय आसानी से निकाल सकते हैं। अगर आप परेशान हो रहे हैं तो भी नोट्स लेना शुरू कर दें। इससे दुबारा एकाग्र हो पाएंगे।

नोट्स लेने का सही तरीका

पत्रकारिता की तरह ही नोट्स लेने के लिए आपको '5-क' फॉर्मेट का यूज़ करना चाहिए। इसमें कौन, क्यों, क्या, कब और कहां जैसी चीजें जरूर शामिल होनी चाहिए। लैपटॉप पर लिखने के बजाय पेपर और पेन का इस्तेमाल करना चाहिए। आप चाहें तो बाद में नोट्स को टाइप करके डॉक्यूमेंट बना सकते हैं और खुद को ईमेल कर सकते हैं। नोट्स का अतिरिक्त व्यू आपके काम और समझ को स्पष्ट कर देगा। आप चाहें तो अपने साथ मीटिंग एजेंडा की प्रिंटेड कॉपी रख सकते हैं और डायरेक्ट मीटिंग प्वॉइंट्स के आधार पर भी नोट्स ले सकते हैं। नोट्स लेने के लिए टेक्नोलॉजी की मदद ले सकते हैं। डायरी के बजाय हॉरिजेंटल सरफेस डिवाइस और स्टायलस से नोट्स ले सकते हैं।

सबको दें मौका

मीटिंग में सबको शामिल करने की कोशिश करें। इसलिए किसी न किसी बहाने ही व्यक्ति को मौका दें. बातचीत के दौरान वहां बैठ सब लोगों को संबोधित करें। सवाल पूछें और हरेक को उनके इनपुट्स शेयर के लिए आमंत्रित करें। अगर आप सिर्फ सीनियर्स से ही बात करेंगे तो जूनियर्स अपनी बात नहीं रख पाएंगे। ऐसा करने से हर व्यक्ति खुद को मीटिंग से जोड़ेगा और एक्टिव भी रहेगा।

एक्शन के लिए प्रेरित करें

मीटिंग में शामिल होने वाले लोगों से कहें कि वे अपनी सीट से उठें और बोलने के साथ-साथ अपने प्वॉइंट्स बोर्ड पर लिखें। आपको डायग्राम बनाने के लिए ग्लास टॉप, सफेद सनमाइका वॉल या ग्लास विंडो का सतह के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।

एजेंडा फिक्स रखें

मीटिंग का अपना एजेंडा पहले से तय होता है। कोशिश रखें कि अपने एजेंडे से न भटकें, इसके लिए जरूरी है कि आपके सामने एक लिखित प्लान रखा हो। मुद्दे से भटकने पर स्पष्ट तौर पर कहें और बातचीत को ट्रैक पर लाएं। लोगों को समझाना चाहिए कि आपस में बहसबाजी तो मीटिंग के बाद भी की जा सकती है।



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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