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Supersonic Cruise Missile Test: दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का हुआ सफल परीक्षण, स्वदेशी 'सीकर एंड बूस्टर' लगे ब्रह्मोस से नौसेना की बढ़ेगी दुगुनी ताकत
Supersonic Cruise Missile Test: भारत की ब्रह्मपुत्र नदी व रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर इजाद हुआ ब्रह्मोस मिसाइल का भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने जहाज से सफल परीक्षण किया है।
Supersonic Cruise Missile Test: भारत की ब्रह्मपुत्र नदी व रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर इजाद हुआ ब्रह्मोस मिसाइल का भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने जहाज से सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का परीक्षण कोलकाता के युद्धपोत से किया गया। मिसाइल में स्वदेशी सामग्री बढ़ाने पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस लगातार काम कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जिस प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया गया उसमें स्वदेशी 'सीकर एंड बूस्टर' लगे थे।
इस बात की जानकारी नौसेना ने ट्विटर पर ट्वीट करके दी। जानकारी के मुताबिक इस ब्रह्मोस मिसाइल का सीकर और बूस्टर 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत डीआरडीओ में डिजाइन किया गया है। अरब सागर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के किनारों से मिलता है, जिसकी वजह पाकिस्तान के लिए भी भारत देश की धरती पर सैन्य शक्ति को बलवान करता ब्रह्मोस का सफल परीक्षण एक चिंता का सबब बन चुका है।
ब्रह्मोस मिसाइल की क्या है कार्य प्रक्रिया
यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है।रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी रफ्तार से लक्ष्य की तरफ जाती है। दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल को जमीन, हवा या पानी से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह बारिश, अंधी, तूफान किसी भी खराब मौसम में भी दिन-रात के समय काम कर सकती है। इस मिसाइल की एक खूबी यह भी है कि इसे लॉन्च करने के बाद गाइड करने की जरूरत नहीं होती है। ऑटो डिडेक्टर ये मिसाइल अपने टारगेट को तलाश कर फायर एंड फॉरगेट के सिद्धांत पर काम करती है। ठीक इससे पहले सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के पोत रोधी संस्करण का पिछले साल अप्रैल में भारतीय नौसेना तथा अंडमान और निकोबार कमान की ओर से संयुक्त रूप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
आखिर क्या है ब्रह्मोस मिसाइल
भारतीय-रूसी संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है, जिसे पनडुब्बियों, पोत, विमानों या भूमि स्थित मंचों से प्रक्षेपित किया जा सकता है। यह दो चरणों वाली मिसाइल है, जिसमें पहले चरण में ठोस प्रणोदक इंजन व दूसरे चरण में तरल रैमजेट शामिल किया गया है। ब्रह्मोस रूस की P-800 ओकिंस क्रूज मिसाइल टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इस मिसाइल को भारतीय सेना के तीनों डिपार्टमेंट, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को सौंपा जा चुका है।
आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हुई मजबूत
ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र के सफल परीक्षण पर प्रसन्नता जताते हुए जल सेना के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, 'भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ की ओर से डिजाइन किए गए स्वदेशी ‘सीकर और बूस्टर’ के साथ पोत से प्रक्षेपित किए गए ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र ने अरब सागर में स्थित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया, जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत हुई है।'
इंडियन नेवी ने ट्वीट में लिखा, 'भारतीय नौसेना ने अरब सागर में सफल सटीक हमले के साथ ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च की। इंडियन नेवी के इस टेस्ट से पाकिस्तान डर गया है। अरब सागर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के किनारों से मिलता है, जिसकी वजह पाकिस्तान की नींद उड़ गई है।