×

लाल आतंक से सहमा सुकमा, हमले वाली जगह से 250 किमी. दूर तक नहीं नजर आ रहे लोग

aman
By aman
Published on: 30 April 2017 7:52 AM GMT
लाल आतंक से सहमा सुकमा, हमले वाली जगह से 250 किमी. दूर तक नहीं नजर आ रहे लोग
X
लाल आतंक से सहमा सुकमा, हमले वाली जगह से 250 किमी. तक नहीं नजर आ रहे लोग

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 24 अप्रैल को नक्सली हमले में सेना के 26 जवान शहीद हुए थे। लेकिन इस हमले के बाद सुकमा सहित उनसे आस-पास के इलाकों में दहशत का माहौल है। जिस सड़क निर्माण के दौरान ये हमला हुआ था, सरकार ने दो हफ्तों तक उस निर्माण कार्य को निलंबित कर दिया है। खबर ये भी है, कि है क्षेत्र के लोग गांव खाली कर जा रहे हैं। बताया तो ये भी जा रहा है कि जहां हमला हुआ था वहां से 250 किमी तक कहीं लोग नजर नहीं आ रहे हैं।

ये भी पढ़ें ...सुकमा के शहीदों को सलाम, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और CM रमन सिंह ने दी श्रद्धांजलि

मीडिया ख़बरों के मुताबिक, सुरक्षाबलों पर हुए हमले के बाद से जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। इस काम में 5-7 हजार सुरक्षाबल जुटे रहते हैं। ऐसे में फिलहाल उन्हें ड्यूटी से हटाया गया है। संभावना है कि उन जवानों को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन पर फोकस किया जा रहा है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें पूरी खबर ...

पूरे बस्तर में 30 हजार जवान तैनात हैं

अंग्रेजी अख़बार, 'हिन्दुस्तान टाइम्स' की खबर के मुताबिक पूरे बस्तर में 30 हजार जवान तैनात हैं। जिस वक्त सुकमा में नक्सली हमला हुआ था उस वक्त भी सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान सड़क निर्माण के काम में लगे थे। जब हमला हुआ उस समय 90 से ज्यादा जवान ड्यूटी पर तैनात थे।

ये भी पढ़ें ...सुकमा का बदला: सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में 10 माओवादी ढेर, 5 अन्य घायल

पूरा ध्यान ऑपरेशन पर

नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के डीजी डीएम अवस्थी ने बताया, 'हम पूरी फोर्स को ऑपरेशन में शामिल करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सभी जवान फिलहाल अपना पूरा ध्यान नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई पर लगाएं।'

ये भी पढ़ें ...सुकमा में शहीद हुए CRPF जवानों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाएंगे गौतम गंभीर

सरकारी प्रयास बेअसर

बता दें, कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में इस तरह का ये पहला हमला नहीं था। बल्कि पिछले साल भी इसी तरह सड़क निर्माण के दौरान कई बार नक्सली हमले हुए। ये सरकार के लिए चिंता की बात है कि तमाम प्रयासों के बावजूद नक्सलियों का आतंक कम नहीं हो रहा।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story