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सुनंदा पुष्कर Murder Case: स्वामी की याचिका पर 13 मई को आदेश सुना सकती है अदालत
स्वामी की याचिका में इस मामले में अदालत की मदद की अनुमति मांगी और सबूतों से छेड़छाड़ पर दिल्ली पुलिस की सतर्कता रिपोर्ट को रिकार्ड मे लाने का भी अनुरोध किया गया। याचिका में दावा किया गया कि इससे अतिरिक्त आरोप तय हो सकते हैं।
नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका पर अपना आदेश 13 मई के लिए सुरक्षित रख लिया जिसमें उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़ी सुनवाई में उन्हें शामिल करने का अनुरोध किया है।
विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
स्वामी की याचिका में इस मामले में अदालत की मदद की अनुमति मांगी और सबूतों से छेड़छाड़ पर दिल्ली पुलिस की सतर्कता रिपोर्ट को रिकार्ड मे लाने का भी अनुरोध किया गया। याचिका में दावा किया गया कि इससे अतिरिक्त आरोप तय हो सकते हैं।
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उन्होंने पीठ से कहा कि वह इस मामले के लिए अजनबी नही हैं क्योंकि उन्होंने इस मामले में उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी जिसके बाद ‘‘चीजें आगे बढ़ीं।’’
स्वामी ने कहा कि उनकी जनहित याचिका न्याय के वृहद हित में है।
इस पर, थरूर की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पहवा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वह न तो आरोपी से जुड़े हुए हैं ना ही पीड़ित से और वह पूरी तरह से बाहरी हैं।
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सुनंदा 17 जनवरी 2014 की रात को शहर के एक आलीशान होटल के एक कमरे में मृत मिली थीं। दंपती होटल में रह रहा था क्योंकि थरूर के आधिकारिक बंगले में उस समय मरम्मत का काम चल रहा था।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री थरूर पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धाराओं 498ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा महिला से क्रूरता) और 306 (खुदकुशी के लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
(भाषा)