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सुनीता विलियम्स को मिलेगा भारत रत्न! अब्दुल गफ्फार, नेल्सन मंडेला की तरह मिल सकती है उपलब्धि

Sunita Williams: सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष से सुरक्षित वापस आने से भारत ही नहीं दुनिया भर में जश्न मनाया जा रहा है।

Sonali kesarwani
Published on: 20 March 2025 12:31 PM IST
Sunita Williams
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Sunita Williams: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर नौ महीने के लंबे मिशन के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सुरक्षित वापस धरती पर लौट आये हैं। उनका स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल कल यानी 19 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट के पास मेक्सिको की खाड़ी में सफलतापूर्वक स्पलैशडाउन हुआ था। सुनीता विलियम्स के वापस आने के बाद भारत के प्रधानमंत्री समेत देश के सभी बड़े नेताओं ने उनके लिए पोस्ट करके उन्हें बधाई दी।

बता दें कि सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर जून 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से एक सप्ताह के मिशन पर गए थे। लेकिन कुछ तकनीकी खराबी के कारण उन्हें वहां नौ महीने तक रहना पड़ गया था। अब कल उनके वापस आने के बाद हर कोई उनपर गर्व कर रहा और उन्हें बधाई दे रहा है। इसी बीच भारत में सुनीता विलियम्स की बहादुरी को लेकर भारत रत्न की मांग हो रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए सुनीता विलियम्स के लिए ‘भारत की बेटी’ लिखा। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में सम्बोधन के दौरान उन्होंने कहा कि सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में लगभग नौ महीने बिताए और जिन कठिन चुनौतियों का सामना किया उनके लिए उन्हें यह सर्वोच्च सम्मान मिलना चाहिए।

बता दें कि ममता बनर्जी के अलावा भी सोशल मीडिया पर लोग उनके बहादुरी के लिए उन्हें भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं। इस समय सोशल मीडिया पर सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष से वापस आने की वीडियो जमकर वायरल हो रही है।

पहले भी इन तीन विदेशियों को मिल चुका है भारत रत्न

ऐसा नहीं है कि सुनीता विलियम्स पहली महिला है जिनके लिए भारत रत्न की मांग हो रही है। इससे पहले भी तीन विदेशियों को भारत रत्न दिया जा चुका है। जिन्हे पहले भारत रत्न मिल चुका है उनमें खान अब्दुल गफ्फार खान, नेल्सन मंडेला और मदर टेरेसा हैं। हालांकि मदर टेरेसा ने बाद में भारतीय नागरिकता ले ली थी। खान अब्दुल गफ्फार खान इन्हें "बार्डर गांधी" के नाम से भी जाना जाता है, और ये पाकिस्तान के स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हे साल 1987 में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वहीं नेल्सन मंडेला जोकि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति थे और रंगभेद विरोधी आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे उन्हें 1990 में भारत रत्न दिया था था। मदर टेरेसा को साल 1980 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। बाद में इन्होने भारतीय नागरिकता स्वीकार कर लिया था इसीलिए इन्हे गैर-भारतीय नहीं माना जाता है।

भारत रत्न देने के क्या है नियम

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल जैसे क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है। इसे 1954 में स्थापित किया गया था और यह किसी भी जाति, लिंग या राष्ट्रीयता के व्यक्ति को प्रदान किया जा सकता है। अगर इसके नियम की बात करें तो इसे प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। इसे साल भर में अधिकतम तीन लोगों को ही दिया जा सकता है। वहीं अगर विदेशी नागरिक को भारत रत्न देने की बात करे तो उन्हें भी यह सम्मान दिया जा सकता है। इसे देने के नियम में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि इसे किसी विदेशी नागरिक को नहीं दिया जा सकता है।

Sonali kesarwani

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Content Writer

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