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सुंजवां आर्मी कैंप: आतंकियों से निहत्थे लड़े मदनलाल, नहीं तो होती और तबाही

aman
By aman
Published on: 12 Feb 2018 3:29 AM GMT
सुंजवां आर्मी कैंप: आतंकियों से निहत्थे लड़े मदनलाल, नहीं तो होती और तबाही
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सुंजवां आर्मी कैंप: आतंकियों से निहत्थे लड़े मदनलाल, नहीं तो होती और तबाही

जम्मू: सुंजवां आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में सेना के 5 जवान शहीद हुए हैं। रविवार को सेना ने इस ऑपरेशन को खत्म किया। भारतीय सेना के जवानों ने इस ऑपरेशन में कुल 4 आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों ने शनिवार तड़के हमला किया था।

लेकिन इस हमले में सूबेदार मदन लाल चौधरी (50 वर्ष) की शहादत एक मिसाल पेश कर गई। मदन लाल गोली लगने के बाद भी अकेले ही आतंकियों से भिड़ गए और अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहे। मदन लाल चौधरी खुद शहीद हो गए लेकिन उन्होंने आतंकियों को परिवारों की तरफ बढ़ने नहीं दिया।

उसी फैमिली क्वार्टर में था मदनलाल का परिवार

जानकारी के अनुसार, आतंकवादियों की गोलीबारी में सूबेदार मदनलाल चौधरी घायल हुए थे। उन्हें एके-47 से गोली मारी गई थी। आतंकियों ने सेना के फैमिली क्वार्टर पर हमला किया था। उस दौरान मदनलाल का परिवार भी उसी क्वार्टर में था। दरअसल, मदन लाल का परिवार अपने किसी रिश्तेदार की शादी के लिए सामान की खरीदारी करने यहां आया था।

खुद जान गंवाई, लेकिन सबको बचाया

मदनलाल की इस शहादत पर उनके भाई सुरिंदर चौधरी ने कहा, कि 'आतंकियों से लड़ते हुए उन्होंने अपनी जान गंवा दी। उन्होंने अपने परिवार और दूसरों लोगों को बचा लिया।' बताया, कि 'आतंकियों के हमले के बाद मदनलाल ने सबसे पहले पीछे के गेट से परिवार वालों को सुरक्षित निकाला। उसके बाद खुद आतंकियों से दो-दो हाथ करने लगे। इसी दौरान उन्हें गोली लगी और वो शहीद हो गए।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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