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सुपौल ने दिलाई बुराड़ी कांड की याद, जाने वो दर्दनाक दिन, जिसे याद कर कांप जाते हैं सभी
बिहार के सुपौल में हुई घटना ने एक बार फिर लोगों को बुराड़ी कांड की याद दिला दी। दिल्ली में हुआ बुराड़ी कांड किसे याद नहीं होगा। आज भी जब लोग उस घटना को याद करते है तो उनके रोंगटे खड़े होते है।आइये जानते है क्या है बुराड़ी कांड।
नई दिल्ली: बिहार के सुपौल में हुई घटना ने एक बार फिर लोगों को बुराड़ी कांड की याद दिला दी। दिल्ली में हुआ बुराड़ी कांड किसे याद नहीं होगा। आज भी जब लोग उस घटना को याद करते है तो उनके रोंगटे खड़े होते है। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि वह दिन किसी को कभी याद करना पड़ेगा। लेकिन जिस तरह से सुपौल में मिश्रीलाल साह सहित उनके परिवार के पांच सदस्य फांसी के फंदे से झूलते मिले। उसने बुराड़ी कांड को लोगों के जहन में फिर से जिंदा कर दिया। आइये जानते है क्या है बुराड़ी कांड।
क्या है बुराड़ी कांड
एक जुलाई 2018, एक ऐसा दिन जो कभी कोई याद नहीं करना चाहता। उस दिन दिल्ली के बुराड़ी इलाके में हुई घटना को याद कर किसी के भी हाथ-पांव फूल जाए। बुराड़ी इलाके के संत नगर में जिस तरह से एक साथ परिवार के 11 लोगों ने मौत को गले लगाया, वह किसी के भी रोंगटे खड़े के दे। सिर्फ दिल्ली में ही नहीं इस घटना से पूरा देश हैरान था। क्योंकि जिस तरह से यह सनसनीखेज आत्महत्या कांड बुराड़ी में हुआ था। उसपर किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा था। आपको बता दें कि बुराड़ी इलाके के संत नगर में एक जुलाई 2018 को एक ही घर में 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। जिसमें 7 महिलाएं, 4 पुरुष थे वहीं उनमें से 2 नाबालिग थे।
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11 लोगों की मौत बनी रहस्य
घर के अंदर एक महिला का शव रोशनदान से तो 9 लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से लटकते मिले थे। वहीं एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा था। मृतकों में से 9 लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी। ऐसा खौफनाक मंजर देखकर किसी को भी समझ नहीं आ रहा था कि इन लोगों ने आत्महत्या कैसे और क्यों की।
पुलिस की जांच में सामने आया अंधविश्वास
इस घटना के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की तो, पुलिस ने बुराड़ी कांड के मास्टमाइंड ललित की कई डायरी बरामद की। जिसे पढ़ने के बाद पुलिस ने पाया कि ललित मानसिक रोगी था। जिसकी तह तक जाने के लिए पुलिस ललित की साइक्लोजिकल अटॉप्सी कराई। जिससे सामने आया कि ललित को विश्वास था कि उसे भगवान बचा लेंगे और उसने सबको यही बताया। जिसपर विश्वास कर परिवार के लोगों ने फांसी लगाई और सभी 11 सदस्य फांसी पर झूल गए और कुछ देर बाद सभी की मौत हो गई।
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