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दिल्ली-NCR में एक मई से नहीं चलेंगी डीजल टैक्सी, SC ने ठुकराई याचिका
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर एक अप्रैल से एक बड़ा फेरबदल देखने को मिलेगा। रविवार से यहां की सड़कों पर आपको डीजल की एक भी टैक्सी देखने को नहीं मिलेंगी। यहां केवल सीएनजी की टैक्सियां ही चलती दिखाई देंगी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने राज्य मे फैले प्रदूषण को देखते हुए लिया। हालांकि यह आदेश आल इंडिया परमिट वाली टैक्सियों पर लागू नहीं होगा।
दरअसल, कोर्ट ने डीजल कारों को सीएनजी लगवाने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया था, जो रविवार को समाप्त हो रहा है। इस सीमा अवधि को बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने नजरअंदाज कर दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी। तब तक 2000 सीसी या उसे अधिक सीसी की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन प्रतिबंधित कर दिये गए हैं।
क्या कहा कोर्ट ने
न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने सुनवाई के दौरान टैक्सी मालिकों से कहा कि आपको काफी समय दिया जा चुका है। अब तक आपको इसके विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए था। अब हम सुनवाई के लिए आपको और अधिक समय नहीं दे सकते। बाद में आएं।
राज्य मे कितनी डीजल टैक्सियां
अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य मे 70 हजार डीजल टैक्सियां हैं। आल इंडिया परमिट की करों को छूट दी गई है। रेडियो टैक्सी की तरह शहर के परमिट वाली टैक्सियों को छूट है। जबकि ओला और उबेर को अपनी टैक्सियां सीएनजी में बदलवानी होंगी।
कोर्ट ने सरकार को भी लगाई फटकार
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य मे फैले प्रदूषण को गंभीरता से न लेने पर दिल्ली सरकार को भी फटकाट लगाई। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद ही दिल्ली सरकार नींद से जागी है।
उच्चतम न्यायालय ने हरित उपकर के भुगतान पर दिल्ली पुलिस को 2000 सीसी या इससे अधिक सीसी के उसके 190 डीजल वाहनों के पंजीकरण की अनुमति दी। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली जल बोर्ड को भी डीजल चालित पानी के उसके नए टैंकरों का परिवहन प्राधिकरण में पंजीकरण कराने की अनुमति दी। डीजेबी को हरित उपकर के भुगतान से छूट दी गई।