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Supreme Court ने केंद्र और राज्य सरकारों को लगाई फटकार, सूचना आयोगों में रिक्त पड़े पदों को लेकर मांगा जवाब

Vacant Posts : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और राज्यों को निर्देश दिया कि वे सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत गठित केंद्रीय और राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्त पदों को भरने के लिए दो सप्ताह के भीतर स्पष्ट समयसीमा बताएं।

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Newstrack Network
Published on: 26 Nov 2024 10:11 PM IST (Updated on: 26 Nov 2024 10:33 PM IST)
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Vacant Posts : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकारों को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act) के तहत गठित केंद्रीय और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त पड़े पदों को अब तक क्यों नहीं भरा गया है, इन पदों को कब तक भरा जाएगा, दो सप्ताह के अंदर समय सीमा बताएं। इसके साथ यदि रिक्तियां नहीं भरी गई हैं, तो तुरंत प्रक्रिया को शुरू किया जाए, क्योंकि निगरानी संस्था सूचना आयोग में बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हुए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और उज्जवल भुयान की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई की है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी जनहित याचिका में कहा था कि सूचना का अधिकार अधिकार के तहत गठित आयोगों को राज्य सरकारें निरर्थक बना रही हैं। इन आयोगों में पद रिक्त पड़े हुए हैं, जिस वजह से आरटीआई के तहत प्राप्त की जाने वाली पारदर्शिता और जवाबदेही विफल साबित हो रही है।

पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण की ओर से दी गई दलीलों को सुना और मुख्य सचिवों को निर्देश दिया कि वह सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत गठित केंद्रीय और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त पदों को भरने के लिए दो सप्ताह के भीतर समयसीमा बताएं। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि यदि नियुक्ति प्रक्रिया नहीं शुरू की गई है, तो इसे तुरंत शुरू किया है। पीठ ने केंद्र सरकार ने भी केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में नियुक्तियों की प्रगति पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है।

पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकारें सूचना आयोगों को निरर्थक बनाकर रही हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकारें नियुक्तियां नहीं करके, आरटीआई को समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि फरवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने रिक्तियों को भरने के लिए कहा था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में प्रमुख सहित केवल तीन आयुक्त ही हैं। सूचना आयोग में करीब 22000 ऐसी अपीलें लंबित हैं, जिसमें सूचना देने से इनकार किया गया है।

वकील प्रशांत भूषण ने यह भी कहा झारखंड सूचना आयोग मई 2020 से, तेलंगाना फरवरी 2023 से और त्रिपुरा जुलाई 2021 से निष्क्रिय पड़े हुए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक में 8 पद रिक्त हैं। ओडिशा में 5 और पश्चिम बंगाल में 4 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आरटीआई के तहत करीब एक लाख मामले लंबित हैं, जो किसी भी राज्य से सबसे ज्यादा हैं।

ये है प्रावधान

बता दें कि तीन राज्यों झारखंड, तेलंगाना और त्रिपुरा में सूचना आयोग निष्क्रिय हैं, क्योंकि उनके पास एक भी सूचना आयुक्त नहीं है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 केंद्र और प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में 10 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान करता है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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